Naam Hindi Review : इस महीने की पहली तारीख को सिंघन अगेन और भूल भुलैया 3 रिलीज हुईं थी। सिंघम में अजय देवगन थे तो वहीं BB3 के डायरेक्टर Anees Bazmi थे।

अब दोनों की एक साझा फिल्म थिएटर में आई है जिसका टाइटल है Naam : The Missing Identity. फिल्म पर बात करें इससे पहले इसकी टाइमलाइन पर बात करनी चाहिए, इंटेरेस्टिंग है।

फिल्म करीब 10 साल से रिलीज के लिए अटकी हुई है। कारण है फिल्म के एक प्रोड्यूसर की मौत। ऐसे में फिल्म 2014 से रिलीज डेट की तलाश में थी। हालांकि फिल्म के अंदर झांके तो इसकी मेकिंग करीब 20 साल पहले यानी 2002-04 के बीच की है।

Naam Hindi Review : कोई नाम नहीं है

फिल्म की कहानी शुरु होती है Ajay Devgn के किरदार से, जिसके पीछे कुछ लोग लगे हुए हैं उसकी जान लेने के लिए। इसी दौरान उनमें फायरिंग होती है अजय के किरदार को मरा हुआ जान वे वहां से चले जाते हैं।

समुद्र के किनारे से उठाकर कुछ अन्य लोग उसे अस्पताल भेजते हैं। जहां डॉक्टर पूजा यानी Bhumika Chawla उसका इलाज करती है। लेकिन किरदार की याददाश्त जा चुकी होती है।

कहानी तीन साल आगे बढ़ती है। जहां किरदार को नई पहचान मिल चुकी है शिखर नाम से। वह पूजा से शादी कर चुका है, जिसका पति मर चुका है और उसकी बेटी भी है।

Naam Hindi Review : अभी और सुनिए

कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब कुछ घटनाएं घटती है और शेखर के तार उसके अतीत से जुड़ने लगते हैं। इसी बीच उसके परिवार पर हमला होता और शेखर अपने पास्ट की तरह उनसे बदला लेता है।

इसके बाद वो अपने पास्ट के बारे में पता लगाने के लिए मुंबई जाता है। तो अजय के किरदार का असली NAAM क्या था, फिल्म इसी का जवाब देती है।

Naam Hindi Review : फिल्म में मसाला है

दो घंटे और 15 मिनट लंबी फिल्म में हमें बॉलीवुड मसाला के सभी एलिमेंट्स जिनमें एक्शन, कॉमेडी और इमोशनल शामिल हैं, देखने को मिलते हैं। फिल्म 22 साल पुरानी है, ऐसे में इसे आज के सिनेमा के लिहाज से जज करने गलत है।

फिल्म का म्यूजिक Early 2000 एरा की याद दिलाता है। फिल्म को पुराने दौर के नोस्टेलेजिया के लिहाज से काफी ठीक है। अनीस बज्मी का डायरेक्शन और टेक्निकल हिस्से में भी फिल्म कमजोर नजर नहीं आती।

Naam Hindi Review : अजय का इंटेस लुक

अजय देवगन ने फिल्म में इंटेस रोल प्ले किया है। उनका एक्शन और एक्सप्रेशन का मिक्स्चर देखकर अच्छा लगता है। हालांकि इतना भी अच्छा नहीं है कि आप सिंघम अगेन को भूल जाएं।

इसके अलावा Bhumika Chawla और Sameera Reddy ने सपोर्टिंग रोल में बेहतर काम किया है। Rajpal Yadav और Vijay Raj की कॉमिक टाइमिंग भूल भुलैया 3 की कॉमेडी के लिहाज से काफी शानदार और गुदगुदाने वाले हैं।

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फिल्म की कहानी अर्जुन सेन के किरदार के ईर्द-गिर्द घूमती है जिसे अभिषेक बच्चन ने निभाया है। अर्जुन पेशे से मार्केटिंग प्रोफेशनल है लेकिन कैंसर से जूझ रहा है और आखिरी दिनों में है।

फिल्म की कहानी में उसके पास जीने के लिए मात्र 100 दिन बचे हुए हैं। ऐसे में अर्जुन अपनी बेटी के साथ ज्यादा समय बिताना शुरू कर देता है। पत्नी के साथ उसका तलाक तय हो चुका है।

वह आत्महत्या के बारे सोचता है लेकिन फिर इस विचार को टाल देता है। उसके पास जीने की एक उम्मीद है उसकी बेटी जो अपने पिता के साथ अपनी शादी में डांस करने की इच्छा रखती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

All We Imagine as Light Hindi Review : शहरों की चमक के पीछे छिपी अंधेर जिंदगी को दिखाती फिल्म

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प्रभा की एक साथी अनु यानी Divya Prabha है। जो गुपचुप तरीके से शियाज यानी Hridhu Haroon से प्यार भी करती है। अनु दायरे में सिमटने वे कम और पंख फैला उड़ने में ज्यादा विश्वास रखती है। 

इन किरदारों के सहारे से कहानी हमें मुंबई शहर के मायाजाल और उसमें फंसे लोगों की घुटन से रुबरु करवाती है। कहानी इससे बाहर भी निकलती है। जिसका सहारा बनता है तीसरा किरदार। 

पार्वती कहानी का तीसरा किरदार है। इसे Chhaya Kadam ने प्ले किया। जो प्रभा और अनु को अपने गांव रत्नागिरी ले जाती है। जहां उन दोनों को मुंबई शहर के अंधेरे के बाद उजाला या लाइट दिखाई देती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

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