Maidaan Real Story : भारत फुटबॉल में कभी चैंपियन टीम थी और बड़ी-बड़ी टीमों को मैदान टक्कर देती थी। आज के दौर के इंडियन फुटबॉल को देखकर ये बात केवल कल्पना सी लगती है। लेकिन 50 और 60 के दशक में ये सपना नहीं हकीकत थी।
भारतीय फुटबॉल भी कभी अपने हाई पॉइंट पर था और उसके खेल के तारीफ दुनिया में की जाती थी। इन सब के पीछे एक वजह थी सैयद अब्दुल रहीम।
Maidaan Real Story
भारतीय फुटबॉल के गोल्डन एज के नायक अब्दुल रहीम
भारतीय फुटबॉल टीम के ऐसे कोच जिन्होंने देश को इस खेल में एक नए मुकाम पर पहुंचाया। अब उन्हीं की जिंदगी पर एक फिल्म बनी है जिसका नाम है Maidaan और Ajay Devgn इस फिल्म के हीरो हैं।
Syed Abdul Rahim 1950 से लेकर 1963 तक भारतीय फुटबॉल टीम के कोच रहे। इस दौर को ‘गोल्डन एज ऑफ इंडियन फुटबॉल’ कहा जाता है। इस दौरान भारत ने 1951 और 1961 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल भी जीते।
लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि Syed Abdul Rahim हमेशा से फुटबॉल कोच नहीं थे। वे पेशे से स्कूल टीचर थे। हालांकि वे अपने कॉलेज की फुटबॉल टीम का हिस्सा थे।
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विदेशी क्लब से भी खेला फुटबॉल
17 अगस्त 1909 को हैदराबाद में जन्मे रहीम ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने फिजिकल एजुकेशन में डिप्लोमा हासिल किया और पेशेवर फुटबॉलर के तौर पर उभरे। उन्होंने भारत में ही नहीं विदेशों में जाकर भी फुटबॉल खेला।
कॉलेज के दिनों में रहीम जिस टीम से खेलते थे उसका नाम इलेवन हंटर्स था। उन्होंने नीदरलैंड्स के HSV Hoek नाम के डच क्लब से भी फुटबॉल खेली।
रहीम 1943 में हैदराबाद फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष बने, यह पद उन्होंने अपने निधन तक संभाला। 1950 में उन्हें हैदराबाद पुलिस फुटबॉल टीम का कोच नियुक्त किया गया। रहीम के कोचिंग में टीम ने 5 बार रोवर्स कप और 4 बार डूरंड कप जीता।
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नेहरू के सामने विजेता बनी टीम
1951 में उन्हें भारतीय फुटबॉल टीम का कोच बनाया गया। इसी साल भारत में हुए एशियन गेम्स के फाइनल में भारत ने दिल्ली के खचाखच भरे मैदान में ईरान को 1-0 से हराया। ये मैच पीएम जवाहरलाल नेहरू भी देखने पहुंचे।
जब रहीम कोच बने तब फुटबॉल 2-3-5 की फॉर्मेशन में खेला जाता था। जो रहीम ने बदलकर 4-2-2 का कर दिया। ये फॉर्मेशन बाद में बड़ी बड़ी टीमों ने अपनाया। रहीम के ही नेतृत्व में भारतीय टीम ने 1956 के समर ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल किया था।
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1962 के एशियन गेम्स में भारत ने साउथ कोरिया को 2-1 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस दौरान अब्दुल रहीम कैंसर से जूझ रहे थे। 11 जून 1963 को 53 साल की उम्र में कैंसर के ही चलते उनका निधन हो गया।
सैयद अब्दुल रहीम को लोग रहीम साब के नाम से जानते थे। उन्होंने देश भर में घूमकर छोटी-छोटी जगहों से फुटबॉल टैलेंट को खोजा और टीम बनाई। उनकी फुटबॉल टीम में PK Banerjee, Chuni Goswami, Pradyut Barman, Arun Ghosh और Jarnail Singh जैसे बड़े नाम शामिल थे।
एक दिन आगे बढ़ाई गई मैदान की रिलीज डेट
फिल्म की बात करें तो इसे Amit Sharma डायरेक्ट किया है। फिल्म में अजय के अलावा Priyamani, Gajraj Rao और Rudranil Ghosh जैसे एक्टर्स कास्ट का हिस्सा हैं। फिल्म को Boney Kapoor ने जी स्टूडियो के साथ मिलकर प्रोड्यूस किया है। फिल्म को Saiwyn Quadras और Ritesh Shah की जोड़ी ने लिखा है। वहीं AR Rahman ने फिल्म को संगीत दिया है।
फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होगी। पहले फिल्म को 10 अप्रैल को रिलीज किया जाना था लेकिन ईद की तारीख बढ़ने चलते फिल्म की रिलीज डेट एक दिन आगे बढ़ा दी गई है। वहीं Maidaan के साथ रिलीज हो रही Bade Miyan Chote Miyan की रिलीज डेट भी एक दिन आगे बढ़ा दी गई।