Kill Hindi Review : वे ट्रेन से उतरेंगे जरूर, लेकिन दूसरों के कंधे पर। Kill Trailer…
डायलॉग फिल्म Kill का है। लेकिन डायलॉग पर जाएंगे तो फिल्म नहीं समझ पाएंगे। क्योंकि किल डायलॉगबाजी वाली कहानी नहीं है बल्कि दो-दो हाथ करने वाली फिल्म है।
Kill Hindi Review : अब कहानी शुरू
एक ट्रेन है जो तड़-तड़ाती हुई आगे बढ़ रही है। अगला स्टॉप मुगलसराय है जो कुछ घंटों बाद आएगा। इस ट्रेन में दो NSG कमांडो सवार है, वीरेश और अमृत। अमृत अपनी गर्लफ्रेंड को परिवार के बीच से भगा ले जाने के लिए ट्रेन में चढ़ा है।
ट्रेन में पैसेंजर्स के अलावा कुछ 35-50 लोग और चढ़े हैं जिनके हाथों में हथियार है। इसी गैंग का सरदार अपनी खुखरी निकाल कर एक पुलिस वाले के सिर में घोंप देता है। इसके साथ शुरू होती है ट्रेन में रॉबरी और खौफ का कत्लेआम।
इस आग की लपटें जल्दी ही अमृत, उसके दोस्त, गर्लफ्रेंड तुलिका और उसके परिवार तक पहुंचती हैं। अमृत पहले तो अपने लोगों को बचाने के लिए लड़ाई करता है।
ठीक इंटरवल से पहले गैंग का सरदार फनी तूलिका की अमृत के सामने चाकू मारकर हत्या कर देता है। अब मामला पर्सनल हो जाता और अगले एक घंटे स्क्रीन पर देखने मिलता धांसू और रियल एक्शन।
Kill Hindi Review : सूखा और ठेठ एक्शन
पिछले दिनों हनी सिंह का एक इंटरव्यू देखा जिसमें वो नशे और सूखे नशे में अंतर बता रहे थे। बॉलीवुड में भी दो एक्शन है एक हथियारों वाला एक्शन दूसरा बॉडी वाला। किल का एक्शन दूसरा वाला है।
किल में आपको हवा में उड़ता, हेलीकॉप्टर से लटकता, बड़ी मशीन गन्स चलाता हीरो नहीं मिलेगा। बल्कि चाकू-छुरी और बॉडी मूवमेंट वाला एक्शन मिलेगा।
Kill Hindi Review : विलायत से आया एक्शन
फिल्म की एक्शन कोरियोग्राफर के क्रेडिट में Sea Young Oh और Parvez Shaikh का नाम लिखा हुआ है। सी यंग ओह को इस फिल्म के लिए साउथ कोरिया से बुलाया गया था।
एक्शन सीक्वेंस में नयेपन की वजह शायद वहीं हैं। ट्रेन के कॉरिडोर में मुश्किल से दो फीट जगह होती है उस जगह जिस बेहतरी से यूज किया है देखने लायक है।
यहां बात केवल चाकू मारने से खत्म नहीं होती है बल्कि उसी चाकू से एक फीट चीरना भी होता है। मुंह के अंदर चाकू मार देना, फायर बॉटल से सिर कुचल देना, मुंह में केरोसिन छिड़ककर गर्दन के ऊपर का भाग जला देना, ये सब चीजें बॉलीवुड के लिहाज से नयी हैं।
Kill Hindi Review : सनसनी पैदा करने वाले सीन
एक्शन के अलावा सीन मेकिंग भी जोरदार है। रात में लाइट और अंधेरे का मिक्सअप, फॉग का यूज। इसके अलावा भी फिल्माने का तरीका सधा हुआ लगता है।
कुछ सीन्स चर्चा करने करने जैसे हैं। उनके डायरेक्शन और स्क्रीनराइटर की तारीफ बनती है। डेड बॉडी लटकाने वाला सीन्स इन्हीं में से हैं।
Kill Hindi Review : लॉजिक से बाहर की बातें
ट्रेन के बाहर के सीन, जैसे ट्रेन के ऊपर चढ़ने वाले सीन में हाइटेंशन तार का ना होना फिट नहीं बैठता। वहीं दूसरी एक सीन में जब लक्ष्य पैरों के सहारे खिड़की लटकते हैं तब लगता है कुछ ज्यादा हो गया।
कहानी लॉजिकल तो कतई नहीं है क्योंकि एक आदमी चाहे फौजी ही क्यों न हो इतने लोगों को नहीं मार सकता। लेकिन बॉलीवुड में जिस तरीके का एक्शन हम देखते आए हैं उससे तो ज्यादा सिर पैर इस एक्शन में हैं।
खैर, खून-खराबे को बढ़ावा देना और वायलेंस को नॉर्मलाइज करने जैसी बातें करने वालों के लिए फिल्म अच्छा खासा मसाला देती है।
Kill Hindi Review : फिल्म फेस्टिवल ? वो क्या होता है…
फिल्म 2021-22 में बन के तैयार हो गई थी। इसके बाद टोरंटो जैसे कई बड़े फेस्टिवल में घूमी। इसे देखकर फिल्म को हॉलीवुड में रीमेक बनाने की तैयारी भी हो चुकी है।
फिर भी बॉलीवुड का इतिहास रहा है कि फिल्म फेस्टिवल में कितनी भी चल जाए लोग थियेटर में लोगों के लिए तरसती है। लेकिन किल को उम्मीद से बेहतर रिस्पांस मिला है।
Kill Hindi Review : एक्टर नए जरूर हैं
एक्टिंग की बात करें तो Laksh Lalwani अब ज्यादा दिखने वाले हैं। उन्होंने फिल्म में लुक्स से लेकर एक्शन तक जो काम किया है, उसके सामने कई नई हीरो पानी मांगते दिख सकते हैं। फिल्म में उनके पास नाममात्र के डायलॉग है, रिएक्शन्स में वे बाजी मारते हैं।
Tanya Maniktala, Adrija Sinha, Abhishek Chauhan के किरदार सपोर्टिंग हैं, और वो अपनी पूर ताकत से सपोर्ट करते हैं। Ashish Vidyarthi और Harsh Chhaya जैसे सीनियर एक्टर भी बढ़िया लगे हैं।
लेकिन Raghav Juyal मेरे लिए फिल्म के एक्टिंग और किरदार के लिहाज से हीरो हैं। राघव की आज तक कोई फिल्म नहीं देखी उन्हें केवल डांस और कॉमेडी करते देखा है लेकिन उन्होंने इस निगेटिव रोल को जिस ढंग से निभाया है उनके कई फैन क्लब पैदा होने वाले हैं। बिहारी एक्सेंट भी उन्होंने तगड़ा पकड़ा है। उनका डायलॉग में आने वाला देसीपन दमदार है।
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