Kantara Hindi Review : कांतारा, बहुत ही कम लोग होंगे जो इस फिल्म और इसके लेवल से वाकिफ नहीं होंगे। सवाल ये है कि इस फिल्म की अब चर्चा क्यों हो रही है।
तो जवाब है हाल ही में Kantara के लिए Rishab Shetty को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड मिला है। रिषभ फिल्म के मैन लीड होने के साथ-साथ राइटर और डायरेक्टर भी हैं।
Kantara Hindi Review
ओरिजिनल कन्नड़ में बनी इस फिल्म पहले केवल साउथ इंडियन लैंग्वेज में रिलीज किया गया था लेकिन फिल्म का क्रेज इतना बढ़ा कि इसे हिंदी डब करके ऑल ओवर इंडिया में रिलीज किया गया था।
तो आइए रि-विजिट करते हैं इस फिल्म को इस रिव्यू में।
Kantara Hindi Review
Kantara की कहानी कर्नाटक के एक छोटे से गाँव में, 90 के दशक में सेट है। फिल्म का मैन प्लॉट एक गाँव और उससे जुड़ी सैकड़ों एकड़ जमीन है। दरअसल यह जमीन गाँव वालों को एक राजा ने दान में दी थी।
अब राजा के वंशज इस जमीन को वापस पाना चाहते हैं, वहीं सरकार इस भूमि को रिजर्व फॉरेस्ट में बदलना चाहती है। लेकिन गांव वालों के लिए जमीन ही सब कुछ है। तीनों मोर्चों की जोर आजमाइश, लगभग ढाई घंटे से ज्यादा तक एक बेहतरीन सिनेमा स्क्रीन पर उतारती है।
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यदि आप वर्सेटिलिटी वाली कहानियों को देखना पसंद करते हैं, तो Kantara आपके लिए एक बेहतरीन सिनेमेटिक एक्सपीरियंस हो सकता है कहानी एक दैवीय विश्वास के साथ शुरू होती है और अंत तक उससे जुड़ी रहती है। जो दर्शकों को भटकने का मौका नहीं देती।
कल्चरल डांस, मेकअप का सिनेमाई प्रयोग कहानी के डिवोशनल पार्ट को मजबूती देता है। डार्क बैकग्राउंड में आग के साथ किए गए प्रयोग स्क्रीन पर शानदार नजर आते हैं।
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हालाँकि कहानी कुछ हिस्सों में धीमी लगने लगती है। यह दौर इंटरवल के पहले और क्लाइमेक्स से कुछ पहले भी देखने को मिलता है। इसके अलावा लव स्टोरी वाला एंगल उतना जरूरी नहीं लगता है। बीच-बीच में औचक दृश्यों का प्रयोग दर्शकों को चौंकाता जरूर है।
कुछ जगहों पर जंगल का प्रयोग कुछ कुछ Pushpa The Rise से प्रेरित लगता है, वहीं कुछ जगहों पर KGF की छाप भी नजर आती है।
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अभिनय की बात की जाए तो Rishab Shetty अपने अलावा किसी को भी स्क्रीन पर मजबूती से जगह बनाने का मौका नहीं देते। शुरू से अंत तक हर सीन में वे जान झोंकते हैं। एक्शन सीन्स में उनकी एनर्जी अलग ही रोमांच पैदा करती है।
वहीं सहयोगी भूमिकाओं में Sapthami Gowda, Kishore, Achyuth Kumar अपने किरदारों को बढ़िया ढंग से चलाते हैं। कुछ किरदार कुछ हिस्सों में हंसाने का काम भी करते हैं।
कुल मिलाकर Kantara एक अलग ढंग से दक्षिण भारतीय सिनेमा की एक और नई कहानी कहती है। एक बात मानी जा सकती है कि आखिरी के कुछ सीन में Kantara एक अलग तरह का एक्सपीरियंस पैदा करते हैं, जो फिल्म के बाद भी आप को याद रह जाता है।
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