Tumbbad Hindi Review : The Earth has enough for everyone’s needs, but not for everyone’s greed... ट्रेलर देखें

ऊपर लिखा कथन महात्मा गांधी है। पिछली बार (थियेटर में नहीं) जब Tumbbad देखी तो ये कोट देखने को मिला था। लेकिन इस बार नहीं था। 

कोट हो ना हो लेकिन फिल्म की फिलॉसफी को समझने के लिए ये वाक्य अपने आप में पूरा है। कैसे फिल्म देखकर समझें तो ज्यादा बेहतर होगा। 

Tumbbad Hindi Review : तीन चैप्टर में कहानी 

फिल्म आजादी से पहले 1918 में पश्चिमी भारत के एक गांव Tumbbad से शुरू होती है। कहानी के सेंटर पार्ट में 10-12 साल का विनायक और उसका परिवार है। 

विनायक की पुश्तैनी ताल्लुक एक हस्तर और उसके खजाने से जुड़ते हैं। इसी के चक्कर में उसके परिवार को गांव छोड़कर पूना शिफ्ट होना पड़ता है। 

यहां से तीन चैप्टर में बंटी कहानी का दूसरा चैप्टर आता है। इसमें विनायक बड़ा होकर फिर खजाने की तरफ लौटता है। उसके हाथ खजाने तक पहुंचने का आइडिया लग जाता है और रातों वो अमीर होना शुरू हो जाता है। 

तीसरे चैप्टर में कहानी अधेड़ विनायक और उसके बेटे की कहानी बताती है, जहां विनायक अब अपने बेटे को खजाने तक पहुंचने के लिए तैयार कर रहा है। कुछ हद तक वो कामयाब भी होता है। लेकिन बहुत कुछ दांव पर लगाकर। 

Tumbbad Hindi Review : कल्ट का टैग !

Tumbbad रि-रिलीज हुई। लेकिन इस पर मास्टरपीस और कल्ट जैसे टैग लगे हैं। फिल्म ओरिजिनल 2018 में रिलीज हुई थे। जो उस टाइम के लिहाज से काफी नेक्स्ट लेवल की कहानी लगती है। 

सबसे पहले बात फिल्म के ट्रीटमेंट की। फिल्म का VFX वाला पार्ट बढ़िया है। फिल्म कोख वाले और आग वाले सीन्स में खेल जाती है। हस्तर, दादी जैसे कैरेक्टर की बनावट देखने लायक है। 

Tumbbad Hindi Review : स्लो पेस, कनेक्टिंग है 

फिल्म माइथोलॉजिकल कम हॉरर कम सुपरनैचुरल ड्रामा टाइप फिल्म है। फिल्म एक दम से डराने का माहौल नहीं बनाती बल्कि इस धीरे-धीरे ऑडियंस को अपने साथ जोड़ती है और फिर महसूस करवाती है। 

फिल्म का स्लो कहा जा सकता है। जो शायद दर्शकों के लिए जानबूझकर रखा गया है। लेकिन स्लो पेस कुछ मामलों में दर्शकों को अखर सकता है। 

Tumbbad Hindi Review : मेहनत अच्छी है 

फिल्म रियलिटी बेस बनाए रखने की कोशिश पर भी टीम को पूरे नंबर मिलना चाहिए। फिल्म को रियल बारिश में फिल्माने के लिए 6 साल तक इंतजार किया गया। इसके अलावा गाड़ी, घर और अलग-अलग चीजों के लिए भी काफी मेहनत की गई जो नजर आती है। 

फिल्म सबसे अच्छी बात है फिल्म पूरी तरह से अपने ग्रीड वाले कॉन्सेप्ट को लेकर चलती है। कहानी में आने वाला लगभग हर कैरेक्टर लालच के ही आस-पास चलता है। 

Tumbbad Hindi Review : सोहम को सोहम बनाने वाली फिल्म 

एक्टिंग की बात की जाए तो Sohum Shah फिल्म में सबसे सॉलिड लगे हैं। फिल्म उन पर भरोसा जताती है जिस पर वे डिलेवर भी करते हैं। पाडुरंग के रोल में Mohammad Samad भी बढ़िया लगते हैं। 

राघव के किरदार में Deepak Damle ने इम्प्रेस किया है। इसके अलावा फीमेल कास्ट में Jyoti Malshe, Anita Date Kelkar और Ronjini Chakraborty, अच्छा सपोर्ट करती हैं। 

फिल्म के डायरेक्टर, राइटर और पूरी टीम की भी यूनिक कॉन्सेप्ट के लिए तारीफ बनती है। फिल्म एक थियेटर विजिट डिजर्व करती है।

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Manjummel Boys Hindi Review : स्क्रीन प्ले में ढील, इमोशन कनेक्ट अच्छा है

Manjummel Boys Hindi Review :

जाने नहीं देंगे तुझे। फिल्म थ्री इडियट का ये गाना और इसके आस-पास की स्टोरी दोस्त और दोस्ती के इम्तिहान और सीरियस दिखाने की कोशिश करती है। 

इसी टोन को पूरी की पूरी फिल्म के तौर पर दिखाने का काम करती है मलयालम भाषा की फिल्म Manjummel Boys. फिल्म की खास बात जो है कि फिल्म एक सच्ची घटना पर बेस्ड है। ट्रेलर देखें

फिल्म की कहानी दर्जन भर से ज्यादा लड़कों के एक ग्रुप की कहानी है। जो कोची के पास Manjummel नाम की जगह पर रहते हैं। ज्यादातर लड़के नई उम्र के हैं। ऐसे में नाम के लिए काम करते हैं। बाकी रस्साकशी का खेल ऐसी कड़ी है जो इन सभी को आपस में जोड़ती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

Nanpakal Nerathu Mayakkam Hindi Review : पुनर्जन्म का बेहतरीन ड्रामा 

Nanpakal Nerathu Mayakkam Hindi Review

  फिल्म की कहानी ट्रैवल करके केरल लौट रहे एक ग्रुप की है। 

बस में सभी लोग सो जाते हैं, लेकिन उनका साथी जेम्स बीच में गाड़ी रुकवाता है और उतरकर कहीं चला जाता है। काफी देर बाद भी वापस नहीं आता तो उसकी खोज-बीन शुरू होती है। जब वह मिलता है तो वो जेम्स से सुन्दरम बन जाता है।

उसे देखकर गांव वाले और बस के सभी साथी हैरान-परेशान हो जाते हैं। कहानी की परतें खुलती हैं तो पुनर्जन्म टाइप का मामला सामने आता है। कहानी मात्र सुबह से लौट सुबह और फिर शाम होने तक की है। 

इसी बीच पता चलता है कि कौन साथ है कौन नहीं? कौन अपना है कौन पराया? क्या जेम्स वापस घर जाता है या वहीं रुक जाता है, जानने के लिए देखनी होगी फिल्म। पूरा रिव्यू पढें…

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