Nanpakal Nerathu Mayakkam Hindi Review : नींद मौत समान है और नींद से जागना जीवन समान। ट्रेलर देखें

ऊपर लिखी इस लाइन के इर्द-गिर्द मलयालम फिल्म Nanpakal Nerathu Mayakkam की स्टोरी घूमती है।  फिल्म की कहानी ट्रैवल करके केरल लौट रहे एक ग्रुप की है। 

बस में सभी लोग सो जाते हैं, लेकिन उनका साथी जेम्स बीच में गाड़ी रुकवाता है और उतरकर कहीं चला जाता है। काफी देर बाद भी वापस नहीं आता तो उसकी खोज-बीन शुरू होती है। जब वह मिलता है तो वो जेम्स से सुन्दरम बन जाता है।

उसे देखकर गांव वाले और बस के सभी साथी हैरान-परेशान हो जाते हैं। कहानी की परतें खुलती हैं तो पुनर्जन्म टाइप का मामला सामने आता है। कहानी मात्र सुबह से लौट सुबह और फिर शाम होने तक की है। 

इसी बीच पता चलता है कि कौन साथ है कौन नहीं? कौन अपना है कौन पराया? क्या जेम्स वापस घर जाता है या वहीं रुक जाता है, जानने के लिए देखनी होगी फिल्म। इसे नेटफ्लिक्स पर आसानी से देख सकते हैं।

Nanpakal Nerathu Mayakkam Hindi Review : ममूथी ने स्क्रिप्ट को बनाया जीवंत

पुनर्जन्म के कॉन्सैप्ट पर तमाम फिल्में बनी हैं, ये अलग है। वजह कहानी कहने का तरीका और उसे परदे पर कलाकारों द्वारा उतारना। इसके लिए लिजो जोस पेलिसरी और हरीश एस का लेखन कसा हुआ है।

ममूथी, अशोकन और राम्या पंडियन की एक्टिंग जबरदस्त कही जाएगी। ममूथी ने जिस तरह से जेम्स और सुंदरम की एक्टिंग की है, वह काबिले तारीफ है। इसके लिए उन्हें बाद में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला था।

Nanpakal Nerathu Mayakkam Hindi Review : साउथ इंडिया और महिलाएं

गांव की खूबसूरती को बारीकी से दिखाया है। इसमें गरीबी-अमीरी,विरोध-समर्थन, खामोशी-चीख जैसे तमाम विरोधाभासों को भी दिखाया है। तीन औरतें; जेम्स और सुंदरम की पत्नियां एवं सुंदरम की मां के किरदार ने साउथ इंडिया के सुदूर गांवों की हकीकत को बखूबी सामने रखा है।

 नए के जरिए पुरानी रूढ़ियों को खारिज करना और तर्क के जरिए अंधविश्वास पर चोट करने जैसे भी मामले सामने आते हैं, मगर एकदम हल्के अंदाज में जो यूं ही आगे बढ़ते जाते हैं।

Nanpakal Nerathu Mayakkam Hindi Review : लीक से हटकर डायरेक्शन

इस फिल्म का डायरेक्शन लिजो जोस पेलिसरी ने किया है। इन्होंने ही जलीकट्टू और अंगमाली डायरीज जैसी फिल्मों को भी निर्देशित किया है। 

इनकी फिल्में चली आ रही कहानी को लीक से हटकर कहती हैं। ऐसा इस फिल्म में भी दिखता है। खासकर कहानी को जीवन जितनी गति से आगे बढ़ाने के लिए, क्योंकि फिल्म का पेस काफी स्लो है।

Nanpakal Nerathu Mayakkam Hindi Review : स्लो पेस, खतरा या कामयाबी

पेस स्लो होना पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों कहा जा सकता है, क्योंकि पेशेंस ना होने पर ऑडियंस इसे बीच में छोड़ सकते हैं। मगर फिल्म की डिमांड ही ऐसी थी कि इसे इतना धीमे चलाना जरूरी था। 

धीमे-धीमे एक-एक कर कहानी की परतें खुलती रहीं और ऑडियंस के मन में अंत तक क्योरोसिटी बनी रही। इससे कहानी और भी निखर कर सामने आई है।

Nanpakal Nerathu Mayakkam Hindi Review : कैमरा एंगल्स, जगमगा उठी फिल्म

फिल्म के ज्यादातर सीन स्टैटिक और लॉन्ग डिस्टेंस कैमरा एंगल से शूट किए गए हैं। इससे फिल्म के विजुअल्स आंखों से होते हुए सीधा दिल में उतर गए हैं। 

इसमें दर्शक दूर होती तमाम घटनाएं एक साथ घटता देख पाता है। जैसे कैमरा किरदार के पीछे नहीं भागता, वो बस एक जगह स्थिर है और तमाम किरदार उसके आगे आकर अपनी अदाएं बिखेरते रहते हैं।

एक बेहतरीन ड्रामा जिसमें कॉमेडी और ठहराव दोनो देखने हैं तो इस तरह के सिनेमा के लिए इस मलयालम-तमिल फिल्म का रुख कर सकते हैं। मगर धैर्य की पोटली साथ लेकर। बाकी आपाधापी में मास फिल्में देखने के शौकीन हैं तो इससे दूरी बनाकर रखिए।

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ARM Movie Hindi Review : Tovino Thomas अपने दम पर कहानी को खींच ले गए

ARM Movie Hindi Review

Tovino Thomas इन दिनों अपनी फिल्म ARM या Ajayante Randam Moshanam को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म को हाल ही में हिंदी लैंग्वेज में रिलीज किया गया है। ट्रेलर देखें

फिल्म की कहानी अजय यानी Tovino Thomas से शुरू होती है। जो एक गांव में अपनी मां के साथ रहता है। वह गांव में ही छोटे-मोटे काम करता है। लेकिन गांव में जब भी कोई चोरी होती है उसका इल्जाम अजय पर ही लगता है।

इसकी वजह उसके दादा मनियन को माना जाता है, जो गांव के जाने-माने चोर थे। गांव में एक मंदिर भी जिसमें अजय और उसका परिवार पीढ़ियों से पूजा करता आ रहा है।

इसी बीच में सुदेव वर्मा यानी Harish Uthman की एंट्री होती है। जो मंदिर के प्राचीन देवता की मूर्ति चुराने आया है। सदैव इस तरीके से चोरी की प्लानिंग करता है जिससे सारा शक अजय पर जाए।

अजय इस चोरी को रोकने का प्रयास करता है। इसी सिलसिले में कहानी के तार अजय के पिता और दादा से जुड़ते हैं। अजय चोरी रोक पाएगा या नहीं, यही प्लॉट ट्विस्ट है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

Kishkindha Kaandam Hindi Review : इस फिल्म को सिनेमा मास्टर क्लास क्यों कहा जा रहा है

Kishkindha Kaandam Hindi Review

फिल्म मुख्य तौर पर तीन प्लॉट से जुड़कर एक कहानी बनाती है। फिल्म की कहानी एक खोई हुई बंदूक से शुरू होती है। जिसके बाद कई अजीब घटनाएं होती है। इसके बाद कहानी एक नवविवाहित जोड़े की जिंदगी को दिखाती है जो जंगल के किनारे रहते हैं। इन के घर के आस-पास बंदरों भी रहते हैं। जिससे परिवार परेशान है।

इस कपल के साथ उनका पिता भी रहता है, जिसका कनेक्शन नक्सलियों से जुड़ा हुआ है। वहीं एक तीसरी कहानी एक लापता लड़के से जुड़ी हुई है। फिल्म का मैन ट्विस्ट इन तीनों कहानियों को आपस में जोड़ता है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

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