The Miranda Brothers Hindi Review : द मिरांडा ब्रदर्स, जियो सिनेमा पर इसी हफ्ते रिलीज हुई। फिल्म की कहानी 2010 में आई वेनेजुएला की फिल्म Hermano पर बेस्ड है। 

फिल्म में ड्रग, गैंगस्टर, परिवार, लव स्टोरी जैसे सभी एलिमेंट्स देखने को मिले हैं। लेकिन स्पॉटलाइट में फोकस पर क्या रहेगा, इसमें चूक हो गई है। 

The Miranda Brothers Hindi Review : मां बेटों वाली कहानी

फिल्म की कहानी सूसी (Manasi Joshi Roy) से शुरू होती है। जो अपने बेटों के साथ गोवा में रहती है। जुलियो (Harshavardhan Rane) उसका सगा बेटा है जबकि दूसरे रेगेलो (Meezaan Jafri) को उसने कचरे के ढेर से उठाया था। 

दोनों भाइयों में फुटबॉल का पेशन रहता है। इस दौरान रेगेलो का गोवा फुटबॉल टीम में सिलेक्शन हो जाता है। लेकिन जुलियो के बिना वो टीम से नहीं खेलता, क्योंकि उसने मां को वादा किया हुआ है। 

इसी बीच कहानी में कुछ ऐसा होता है कि दोनों भाई के बीच तकरार शुरू हो जाती है। अब कहानी क्राइम और स्पोर्ट्स के दो फाड़ में बंट जाती है। 

The Miranda Brothers Hindi Review

The Miranda Brothers Hindi Review : ओरिजनल से कमजोर ट्रीटमेंट

ओरिजनल फिल्म में स्पोर्ट्स और क्राइम को बढ़िया ढंग से बैलेंस किया गया है। लेकिन द मिरांडा ब्रदर्स पर बॉलीवुड की छाप लगी, इसे के चलते इमोशन में थोड़ी ज्यादा बह जाती है। जो मूल मुद्दे से भटकाने वाला है। 

फिल्म अच्छे टोन से शुरू होती है। कहानी सही चल रही होती है, ऑडियंस जुड़ने की कोशिश कर रही होती है। इसी बीच कहानी एक बाद एक गाने आ जाते हैं। जो फ्लो को बिगाड़ने का काम करते हैं।

ये गाने न तो कैरेक्टर्स डेवलप करते हैं न ही प्लॉट को आगे बढ़ाते हैं। बस आते हैं क्योंकि ये बॉलीवुड मसाला फिल्म है। इससे कहानी और कनेक्ट कमजोर हो जाता है। 

The Miranda Brothers Hindi Review : अप्रोच में दिक्कत रह गयी

रेगेलो का फुटबॉल में जाने से मना करना, जो रेट्रो बॉलीवुड को दोहराने जैसा लगता है। फिल्म के पास ट्रेजडी जैसा पॉइंट था जहां से इसे ट्रेडिशनल बनने से रोक सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

फिल्म को कमजोर करने की रही-सही कसर रिगेलो और जुलियो की लव स्टोरीज कर देती हैं। जो कहानी को जबरदस्ती खींचने वाले लगते हैं। साथ ही कहानी के फोकस पॉइंट से भी ध्यान हटाते हैं। 

The Miranda Brothers Hindi Review

The Miranda Brothers Hindi Review : हर्षवर्धन फिर भी ठीक हैं

एक्टिंग की बात करें तो हर्षवर्धन राणे ने अपने किरदार में फील करके निभाया है। जो वे अक्सर करते हैं। मीजान सही है लेकिन इमोशनल सीन में कमजोर लगे हैं। सहायक कलाकारों को खराब स्क्रिप्ट ने खत्म कर दिया है। 

कुछ अच्छी बातों में फुटबॉल मैदान में फिल्माए गए सीन्स आते हैं, जो देखने लायक है। लेकिन कमजोर साउंडट्रैक खलता है। 

कुल मिलाकर अगर द मिरांडा ब्रदर्स स्पोर्ट्स और इमोशन के बीच बैलेंस बनाकर चलती और बॉलीवुड के मेलोड्रामा में फंसने से खुद को रोक लेती तो शायद जियो सिनेमा की लिस्ट में एक बढ़िया प्रोडक्ट शामिल हो जाता।

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Venom 3 Hindi Review : लेगेसी बरकरार रखने में चूकी वेनम, बेहतर कहानी की कमी खलती है

Venom 3 Hindi Review

प्लॉट हमें दिखाता है कि एडी MCU से अपनी दुनिया में वापस आ गया है। हालांकि, इस दुनिया में, वह अब एक भगोड़ा है जिसका अधिकारी पीछा कर रहे हैं। उसे Patrick Mulligan का हत्यारा माना जा रहा है, जिसे वास्तव में Carnage ने मारा था।

दूसरी तरफ, Knull ने Xenophage को Venom और  Eddie का शिकार करने और उनसे कोडेक्स लेने के लिए भेजा है। ताकि वह खुद को मुक्त कर सके और ब्रह्मांड पर हमला कर सके।

इस बीच, Venom और  Eddie न्यूयॉर्क जाकर नई लाइफ शुरू करने पर विचार करते हैं। इसके बाद फिल्म एक ट्रेवल सीक्वेंस में बदल जाती है। जहां एडी और वेनम पर Rex Strickland या Xenophage हमले कर रहे हैं। पूरा रिव्यू पढ़ें…

Bandaa Singh Bahadur Hindi Review: अरशद वारसी बड़े पर्दे पर निराश वापसी

Bandaa Singh Bahadur Hindi Review

फिल्म Bandaa Singh Bahadur 1980 के पंजाब या यूं कहें बेहद सेंसिटिव पंजाब के बैकड्रॉप पर बेस्ड है। कहानी 1975 में शुरू होती है। इसमें बिल्ड अप के बाद बंदा यानी अरशद वारसी और लाली यानी Meher Vij के लव सीक्वेंस शुरू हो जाते हैं।

दोनों की पहली मुलाकात के बाद ही अगला सीन उनकी शादी का होता है। कुछ और मिनट गुजरते हैं कि दोनों एक बच्ची के पेरेंट्स बन जाते हैं।

ये वही दौर है जब हिंदुओं को पंजाब छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। पहले धमकी दी जाती है, फिर हमले होते हैं और आखिर में हत्याएं होती हैं। बंदा भी इसके लपेट में आता है। इसी आजमाइश में अपने एक दोस्त को खो देता है। पुलिस से मदद मिलती नहीं है और बंदा अकेले ही अपने लोगों की रक्षा करने और उनका मसीहा बनने निकल जाता है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

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