Raat Jawaan Hai Hindi Review : पेरेंटिंग एक ऐसा मुद्दा जिसे शायद सिनेमा ने बहुत कम छुआ है। मॉडर्न एज पेरेंटिंग पर बात करती हुई सीरीज रात जवान है। हाल ही में सोनी लिव पर प्रीमियर हुई है।
सीरीज में Anjali Anand, Barun Sobti, Priya Bapat, Priyansh Jora, Hasleen Kaur, Vikramjit Singh Chauhan जैसे एक्टर्स दिख रहे हैं। वहीं एक्टर Sumeet Vyas ने इसे डायरेक्ट किया है। ट्रेलर देखें.
Raat Jawaan Hai Hindi Review : तीन नए पेरेंट की कहानी
कहानी तीन दोस्तों राधिका, अविनाश और सुमन की है। तीनों नए पेरेंट हैं। किसी ने नौकरी छोड़ी है तो किसी ने अपना पैशन। लेकिन दोस्ती बरकरार है, लेकिन बच्चों के कारण पर्सनल स्पेस और फ्रेंडशिप जोन खत्म सा हो गया है।
सीरीज पेरेटिंग के मुद्दे को उठाती है जो लाइट दिखता जरूर है लेकिन लाइट है नहीं। क्योंकि इस पर बात बहुत कम होती है। सीरीज अनछुए पहलू जैसे अपब्रिंगिंग में मेल पेरेंट की भूमिका, परिवार का रूख। इन सब मुद्दों पर सीरीज बात करती है।
Raat Jawaan Hai Hindi Review : बच्चों के बाद हम कहां
इसके अलावा सीरीज बताती है कि कैसे पैरेंट्स बच्चों के लिए अपनी पर्सनल आइडेंटिटी को दरकिनार कर देते हैं। खास बात ये है कि सीरीज इसे रीगेन करने के तरीकों पर भी बात करती है।
राइटिंग की बात करें। फ्रेश कॉन्सेप्ट है, मिलावट नहीं दिखती। स्क्रीनप्ले में कसावट है, डायलॉग भी ठीक हैं। पेस कुछ जगह सर्वाइव करता है ओवरऑल सही है। मैच्योर लैंग्वेज का वेटेज थोड़ा ज्यादा है, जो कम हो सकता था।
Raat Jawaan Hai Hindi Review : एक्टिंग, डायरेक्शन का काम अच्छा
सुमित व्यास ने एक्टिंग के बाद डायरेक्शन में बढ़िया काम किया है। चीजों को स्क्रीन पर उतारने में उन्होंने बारीकियों का ध्यान रखा है। आगे उनसे और बेहतर देखने मिल सकता है।
बरुण सोबती स्टैंड आउट करते हैं। उन्होंने सीरियस और स्ट्रांग किरदारों के बाद थोड़े से लाइटवेट वाले किरदार को बढ़िया ढंग से प्ले किया है। अंजलि ने अपने टोन को मजबूती से पकड़ कर रखा है। प्रिया बापट का काम भी अच्छा है।
Raat Jawaan Hai Hindi Review : कुल मिलाकर…
फिल्म कुल मिलाकर बताती है कि बच्चों को बड़ा करने के लिए जरूरी नहीं है कि पेरेंट्स अपनी पर्सनल लाइफ को खत्म कर दें। थोड़ी मशक्कत जरूर करनी पड़ेगी, लेकिन काम आप सब चीजें साथ लेकर चल सकते हैं।
Vaazhai Hindi Review : स्कूल बॉय की कहानी लेकिन दुनिया भर की सीख
कहानी शिवानंदन नाम के लड़के की कहानी है। जो अपने दोस्त सेकर के साथ एक गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ता है। शिवा जहां रजनीकांत का फैन है वहीं उसका दोस्त कमल हासन का फैन है। इसको लेकर दोनों में तकरार है।
शिवा का अपनी स्कूल टीचर पूनकोड़ी पर क्रश भी है। क्योंकि टीचर का सॉफ्ट कॉर्नर उसके लिए है। शिवा के घर में उसकी मां और बहन भी है। जो खर्चा चलाने के लिए बागानों में केले तोड़ने जाते हैं।
शिवा को बागानों में जाने से सख्त नफरत है। इसके लिए वो हमेशा बहाने बनाता है। इन्हीं बागानों के सहारे कहानी में विलेन की एंट्री होती है। फिर कहानी इमोशनल होती है और खत्म हो जाती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…
Gutar Gu 2 Hindi Review : नॉस्टेल्जिया बरकरार लेकिन कहानी प्रिडिक्टेबल है
दूसरे सीजन की कहानी पिछले हिस्से के बाद शुरू होती है। रितु अहमदाबाद के कॉलेज में पढ़ाई के लिए जाने वाली है। वहीं अनुज के हिस्से भोपाल आया है।
पहला एपिसोड अनुज की अहमदाबाद जाने की जुगत को दिखाता है। लेकिन जुगाड़ नहीं लगती और बात म्यूचुअल ब्रेकअप के साथ खत्म होती है।
रितु अहमदाबाद चली जाती है, यहां अनुज अहमदाबाद में होने वाले एक प्ले में पार्ट ले लेता है। प्ले के सहारे कहानी एक साइड लव स्टोरी को जन्म देती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…
Vettaiyan Hindi Review : पहला हाफ मजबूत, दूसरा कमजोर, रजनी को ज्यादा स्पेस
फिल्म की कहानी शरण्या यानी दुशरा विजयन से शुरू होती है। जो कन्याकुमारी में एक स्कूल टीचर है। स्कूल के आस-पास ही एक ड्रग रैकेट चल रहा होता है। शरण्या को इसका पता लगता है, और वो पर्दाफाश कर देती है।
केस एसपी अथियन यानी रजनीकांत को दिया जाता है, जो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट है। इस केस का न्याय भी एनकाउंटर से होता है। इसके बाद शरण्या चेन्नई आ जाती है। जहां उसकी रेप के बाद हत्या कर दी जाती है।
एक युवा पुलिस ऑफिसर को सस्पेक्ट बनता है लेकिन वो कस्टडी से भाग जाता है। इसके बाद रिटायर्ड हो चुके अथियन को बुलाया जाता है। न्याय फिर वही एनकाउंटर होता है। लेकिन इस बार ह्यूमन राइट वाले जज यानी अमिताभ बच्चन की एंट्री होती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…
Zindaginama Hindi Review : मेन्टल हेल्थ के कठिन सवालों का जवाब देती है जिंदगीनामा
पहला एपिसोड है स्वागतम, जो स्किज़ोफ्रेनिया की बात करता है। यह एक ऐसा मानसिक विकार है जो लोगों की सोचने की एबिलिटी को इफेक्ट करता है। इसे सुकृति त्यागी ने लिखा और निर्देशित किया है।
सीरीज में श्रेयस तलपड़े एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाते हैं जो मानता है कि दुनिया ने उसके खिलाफ साजिश रची है। इसके चलते वह अपनी पत्नी से भी तालमेल नहीं बैठा पाता।
इसके बाद एक दोस्त की एंट्री होती जो उसकी मदद करता है। श्रेयस तलपड़े ने स्किज़ोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति के रूप में शानदार अभिनय किया है। सीरीज हमें मानसिक द्वंद को फील करने का माहौल देती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…