Vaazhai Hindi Review : क्या आपको स्कूल में अपनी टीचर पर क्रश था ? आप कहेंगे इसमें क्या नई बात है, करीब-करीब सभी को होता है। 

टीचर वाले प्यार की कहानी और स्कूली दिनों की मासूमियत को लेकर आई है, तमिल फिल्म Vaazhai. पिछले दिनों थियेटर में आई थी, अब OTT पर है। ट्रेलर देखें

Vaazhai Hindi Review : शिवा और सेकर की कहानी

कहानी शिवानंदन नाम के लड़के की कहानी है। जो अपने दोस्त सेकर के साथ एक गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ता है। शिवा जहां रजनीकांत का फैन है वहीं उसका दोस्त कमल हासन का फैन है। इसको लेकर दोनों में तकरार है। 

शिवा का अपनी स्कूल टीचर पूनकोड़ी पर क्रश भी है। क्योंकि टीचर का सॉफ्ट कॉर्नर उसके लिए है। शिवा के घर में उसकी मां और बहन भी है। जो खर्चा चलाने के लिए बागानों में केले तोड़ने जाते हैं। 

शिवा को बागानों में जाने से सख्त नफरत है। इसके लिए वो हमेशा बहाने बनाता है। इन्हीं बागानों के सहारे कहानी में विलेन की एंट्री होती है। फिर कहानी इमोशनल होती है और खत्म हो जाती है। 

Vaazhai Hindi Review : छोटी आंखे, बड़े सपने

Vaazhai एक बच्चे के जीवन के संघर्ष को बहुत बढ़िया ढंग से स्क्रीन पर रखती है। उसके सपनों को जीने की कोशिश करती है, उसकी उलझन में उलझाती है। जो इमोशनली कनेक्ट करने वाला है, और जिंदगी के जरूरी सबक भी सिखाता है। 

फिल्म के डायरेक्टर मारी सेल्वराज ने फिल्म दर्शकों की तालियों और सीटियों के लिए नहीं बनाई बल्कि इस लिए बनाई है कि दर्शक के भीतर की संवेदनाएं निकाल सकें। उसमें वे सफल रहे हैं। कहानी हंसाती भी है, रुलाती भी है और आखिर दिल छू जाती है। 

Vaazhai Hindi Review

Vaazhai Hindi Review : एक्टिंग और किरदार दोनों बढ़िया

स्कूल टीचर और शिवा के किरदार निभाने वाले एक्टर्स बेहतरीन लगे हैं। इनकी एक्टिंग ही है जो फिल्म को उसके मुकाम तक ले जाने में मदद करती है। 

फिल्म के इंटरवल और क्लाइमेक्स के सीक्वेंस बेहद याद रह जाने जैसे हैं। रजनी और कमल के रेफरेंस और रेट्रो गानों ने फिल्म में अच्छा योगदान दिया है।

Vaazhai Hindi Review : सब प्लॉट्स मजबूत हैं

फिल्मांकन पर भी Vaazhai को पूरे नंबर दिए जा सकते हैं। फिल्म नेचर बेहतर ढंग से दिखाती है। साथ ही उसकी अहमियत भी दर्शाती है। संतोष नारायणन का म्यूजिक भी फिल्म के लिए प्लस पॉइंट है। 

फिल्म के सब प्लॉट्स में कास्ट सिस्टम, हावी होता कैपिटलिज्म, हैरेसमेंट हैं। इन्हें बारीकी से कहानी के साथ बुना गया है। जो अनुभव को और बेहतर करता है। 

Vaazhai एक ऐसी फिल्म है जो आपको इमोशनली जोड़ती है और एक बेहतरीन एक्सपीरियंस देती है। 

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Gutar Gu 2 Hindi Review : नॉस्टेल्जिया बरकरार लेकिन कहानी प्रिडिक्टेबल है

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दूसरे सीजन की कहानी पिछले हिस्से के बाद शुरू होती है। रितु अहमदाबाद के कॉलेज में पढ़ाई के लिए जाने वाली है। वहीं अनुज के हिस्से भोपाल आया है। 

पहला एपिसोड अनुज की अहमदाबाद जाने की जुगत को दिखाता है। लेकिन जुगाड़ नहीं लगती और बात म्यूचुअल ब्रेकअप के साथ खत्म होती है। 

रितु अहमदाबाद चली जाती है, यहां अनुज अहमदाबाद में होने वाले एक प्ले में पार्ट ले लेता है। प्ले के सहारे कहानी एक साइड लव स्टोरी को जन्म देती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

Vettaiyan Hindi Review : पहला हाफ मजबूत, दूसरा कमजोर, रजनी को ज्यादा स्पेस

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फिल्म की कहानी शरण्या यानी दुशरा विजयन से शुरू होती है। जो कन्याकुमारी में एक स्कूल टीचर है। स्कूल के आस-पास ही एक ड्रग रैकेट चल रहा होता है। शरण्या को इसका पता लगता है, और वो पर्दाफाश कर देती है। 

केस एसपी अथियन यानी रजनीकांत को दिया जाता है, जो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट है। इस केस का न्याय भी एनकाउंटर से होता है। इसके बाद शरण्या चेन्नई आ जाती है। जहां उसकी रेप के बाद हत्या कर दी जाती है। 

एक युवा पुलिस ऑफिसर को सस्पेक्ट बनता है लेकिन वो कस्टडी से भाग जाता है। इसके बाद रिटायर्ड हो चुके अथियन को बुलाया जाता है। न्याय फिर वही एनकाउंटर होता है। लेकिन इस बार ह्यूमन राइट वाले जज यानी अमिताभ बच्चन की एंट्री होती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

Zindaginama Hindi Review : मेन्टल हेल्थ के कठिन सवालों का जवाब देती है जिंदगीनामा

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पहला एपिसोड है स्वागतम, जो स्किज़ोफ्रेनिया की बात करता है। यह एक ऐसा मानसिक विकार है जो लोगों की सोचने की एबिलिटी को इफेक्ट करता है। इसे सुकृति त्यागी ने लिखा और निर्देशित किया है। 

सीरीज में श्रेयस तलपड़े एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाते हैं जो मानता है कि दुनिया ने उसके खिलाफ साजिश रची है। इसके चलते वह अपनी पत्नी से भी तालमेल नहीं बैठा पाता।

इसके बाद एक दोस्त की एंट्री होती जो उसकी मदद करता है। श्रेयस तलपड़े ने स्किज़ोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति के रूप में शानदार अभिनय किया है। सीरीज हमें मानसिक द्वंद को फील करने का माहौल देती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

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