Maharaj Hindi Review : आजादी से पहले भारत में कई तरह के समाज सुधारक हुए, जिन्होंने लोगों के बीच क्रांति की मशाल जलाकर बड़े-बड़े बदलाव किए।

गुजरात के ऐसे ही एक समाज सुधारक करषनदास के प्रयासों को इस फिल्म में दिखाया है। नेटफ्लिक्स ने इस फिल्म को सच्ची घटना पर आधारित गुजराती लेखक सौरभ की किताब महाराज से इन्सपायर बताया है। (ट्रेलर यहां देखें)

Maharaj Hindi Review : विवादित मसला ये है कि…

फिल्म आज से तकरीबन 200 साल पहले के वैष्णव संप्रदाय को मानने वालों की सच्ची कहानी दिखाती है। यानी यहां के लोग भगवान विष्णु को तन, मन और धन से अपना मानते हैं।

उनकी इसी आस्था का फायदा उठाकर धर्म के कुछ ठेकेदार लोगों का शोषण करते हैं। कहानी में करषन दास इसी शोषणकारी व्यवस्था से लोगों को बचाता है।

कहानी का हीरो करषनदास अपने और समाज के सबसे बड़े विलन जदुनाथ महाराज उर्फ जेजे से पत्रकारिता के जरिए लड़ता है। ये लड़ाई ‘चरण सेवा’ के नाम पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण के खिलाफ है। इसमें करषनदास आस्था और अंधविश्वास के बीच के बारीक अंतर को अपनी क्रांतिकारी और मॉडर्न लिखावट से दूर करता है।

Maharaj Hindi Review : स्क्रीनप्ले के पुर्जे कमजोर

शुरूआत में कहानी भागती है और बाद में स्लो हो जाती है। इस बीच सस्पेंस भी लंबे समय तक बरकरार नहीं रह पाते। कमजोर लेखन कहें या वही पुरानी समाज सुधार से जुड़ी बातें, ऑडियंस एक समय के बाद बहुत आसानी से फिल्म प्रिडिक्ट करने लगती है। यह सिद्धार्थ पी मल्होत्रा का कमजोर निर्देशन ही है जो दर्शकों को लगातार बांध नहीं पाता है।

अक्सर ऐसा फील होता है कि फिल्म 1832 के बंबई को दिखाने में चूक गई है। हालांकि बोली और पहनावे से उस समय के गुजरात और बंबई की छाप जरूर दिखाई पड़ती है। इसमें करषनदास और विराज के साथ स, श, ष और इसी तरह के अक्षरों और शब्दों के उच्चारण को बोलने में होने वाली नोक-झोक काफी राहत भरी लगती है।

भाषा और बोली के बदौलत डायलोग बेहद सटीक से लगते हैं जैसे ‘मजदूर हड़ताल पर जा सकते हैं, भगवान नहीं’। लेखन के स्तर पर भी फिल्म में कम गाने हैं जोकि सही समय पर आते हैं। वैष्णव भक्ति में डूबे हुए हिंदी- गुजराती भाषा के गाने कमाल के हैं। इनका म्यूजिक और लिरिक्स भी उम्दा है।

Maharaj Hindi Review : आमिर खान के बेटे की एक्टिंग…

आमिर खान के बेटे जुनैद खान ने करसनदास का रोल निभाया है। यह उनकी डेब्यू फिल्म है। मगर ऐसा लगता है मानों वे अपने किरदार से न्याय नहीं कर पाए हों, क्योंकि उनकी परफॉर्मेंस जेजे के लेवल की नहीं दिखी। उनके हाव-भाव भी अक्सर बदलने के बजाय एक जैसे ही दिखे।

वहीं जेज के किरदार में जयदीप अहलावत कम बोलकर भी अपनी छाप दर्शकों के बीच छोड़ पाते हैं। करषन का साथ देने वाली दोनों अदाकाराएं किशोरी (शालिनी पांडे) और विराज (शरवरी) ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई हैं। हालांकि दोनों का स्क्रीन टाइम आधा ही है, मगर ठीक ठाक है।

जुनैद की डेब्यू फिल्म देखनी हो तो जरूर देखिए। बाकी फिल्म से कुछ नए की उम्मीद मत रखिए, क्योंकि एक मूल बात ‘चरण सेवा प्रथा’ के अलावा शायद आपको कुछ भी नया देखने को नहीं मिले।

बाकि फिल्म को गुजराती-हिंदी भाषा के नए प्रयोग के तौर पर भी देख सकते हैं। गानों और डायलॉग में निराशा नहीं ही होगी।

खबरें और भी हैं…

Shraddha Kapoor Boyfriend : SRK को देखकर फिल्मों में आए राहुल मोदी

Shraddha Kapoor Boyfriend

बॉलीवुड एक्ट्रेस Shraddha Kapoor ने बुधवार को सोशल मीडिया पर Rahul Mody के साथ अपने रिलेशनशिप की ऑफिशियल अनाउंसमेंट कर दी।

श्रद्धा ने अपने इंस्टा स्टोरी पर अपनी और राहुल की एक फोटो शेयर की। फोटो के साथ राहुल को टैग करते हुए श्रद्धा ने लिखा “दिल रख ले, नींद तो वापिस कर दे यार।”

रिपोर्ट्स की मानें तो श्रद्धा और राहुल पिछले काफी दिनों से एक दूसरे को डेट कर रहे थे लेकिन उन्होंने अपने रिश्ते को अभी तक पब्लिकली एक्सेप्ट नहीं किया था। जो काफी वायरल हो रहा है। पूरी खबर पढ़ें …

Chandu Champion Review – कहानी चंदू, कार्तिक की एक्टिंग असली चैंपियन  

Chandu Champion Review

सपने और जद्दोजहद से जुड़ी ऐसी ही एक कहानी Chandu Champion है, जो सिनेमाई पर्दे पर एक टिकट के बदले चलाई जा रही है।

Chandu Champion की कहानी महाराष्ट्र के सांगली के कराड स्टेशन से शुरू होती है। जहां भारत के पहले इंडिविजुअल ओलंपिक मेडलिस्ट केडी जाधव का घर लौटने पर जोरदार स्वागत किया जा रहा है।

इस भव्य स्वागत को देखकर अपने भाई के कंधे पर चढ़ा मुरलीकांत पेटकर भी सपना देख लेता है, ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का। फिर स्कूल की कक्षाओं समकोण और त्रिभुज की बजाय बनाने लगता है, ओलंपिक के 5 छल्ले। पूरा रिव्यू पढ़ें…

Share.

Leave A Reply

Exit mobile version