Sabarmati Report Hindi Review : थिएटर में फिल्म  The Sabarmati Report रिलीज हो चुकी है। फिल्म में Vikrant Massey, Riddhi Dogra और Rashi Khanna लीड रोल में है।

फिल्म की कहानी 2002 के गोधरा ट्रेन हादसे पर बेस्ड है। फिल्म इस हादसे में मारे गए लोगों को इंसाफ दिलाने की बात करती है। फिल्म का टॉपिक एक पक्ष की आंखों में सितारे बनाने वाला है।

वहीं दूसरे पक्ष के लोग इसमें प्रोपेगेंडा सूंघ रहे हैं। हम केवल सिनेमाई आंखो से देखने की कोशिश करेंगे।

Sabarmati Report Hindi Review : मीडिया का POV

फिल्म की बात की जाए तो कहानी समर से शुरू होती है। जो हिंदी मीडिया के में फिल्मी बीट के पत्रकार की हैसियत रखता है। इंग्लिश वाले पत्रकार उसे C से कुछ समझते हैं।

इसी बीच गोधरा कांड की घटना हो जाती है। घटना रियल में क्या थी उसके लिए आर्टिकल लिखा गया है। इसमें ट्रेन में आग लगा दी जाती है और 59 लोगों की मौत हो जाती है।

अंग्रेजी मीडिया की तरफ से इस इवेंट को कवर करने के लिए तेज तर्रार अंग्रेजी एंकर मनिका को भेजा जाता है। मानिका कैमरा मैन के तौर पर समर को साथ ले जाती है। लेकिन चैनल मालिकों की मांग पर घटना को वैसा कवर नहीं करती जैसा समर अपनी आंखों से देख रहा है।

फिर समर खुद इस घटना की पड़ताल में जुट जाता है। लेकिन जब वो अपने बॉस को दिखाता है तो उसे नौकरी से निकाल कर जेल भेज दिया जाता है।

अब समर की हालत कमोबैश कबीर सिंह जैसी हो जाती है। इसी बीच एक सरकारी कमीशन रिपोर्ट से झूठी खबर का खुलासा होने की नौबत आ जाती है। फिर इस घटना के लिए नई रिपोर्टर अमृता को भेजा जाता है।

वह चैनल को बचाने के लिए जांच पड़ताल करती है। फिर उसे समर की रिपोर्ट मिलती है। फिर दोनों सच्चाई की तलाश में क्लाइमेक्स तक पहुंचते हैं।

Sabarmati Report Hindi Review : राइटर चूक गई है

फिल्म में क्या दिखाया गया, कौन सही था, कौन गलत इसकी जांच हम नहीं करेंगे। हम फिल्म के इस घटना को कैसे दिखाया गया इस पर बात करेंगे।

फिल्म का पहला हाफ अच्छे पेस पर आगे बढ़ता है। इसमें विक्रांत और रिद्धी की नोक-झोंक ऑडियंस कनेक्ट बनाए रखती है। लेकिन दूसरे हाफ में राइटर Avinash Singh Tomar और Arjun Bhandegaonkar की राइटिंग जवाब दे जाती है।

दूसरे हाफ में कहानी कई हिस्सों में फंस जाती है। इसे निकालने वाला कोई नहीं है। आखिर में क्लाइमेक्स में आने वाला विक्रांत मेसी का मोनोलॉग ही ऑडियंस के लिए कुछ राहत लेकर आता है।

Sabarmati Report Hindi Review

Sabarmati Report Hindi Review : डायरेक्शन भी फैल सा गया है

फिल्म हिंदू-मुस्लिम वाले एंगल पर सीधे-सीधे बात तो नहीं करती लेकिन छोटे-छोटे हिस्सों में इस मैसेज को देने की कोशिश भी करती है। फिल्म में कुछ ऐसे हिस्से भी हैं जो वास्तविकता से पैर उखाड़ने का काम भी करता है।

फिल्म के डायरेक्टर Dheeraj Sarna के काम में जरूर कमियां निकाली जा सकती हैं। इसके अलावा स्क्रीनप्ले में भी थोड़ी सी कसावट की कमी है।

Sabarmati Report Hindi Review : कास्टिंग और एक्टिंग परफेक्ट है

विक्रांत ने समर के किरदार में अच्छी एक्टिंग की है। डायलॉग डिलीवरी ठीक है। 12th फेल के बाद इमोशनल सीन में भी बेहतरी देखने को मिली है। रिद्धि डोगरा नेगेटिव शेड्स में ठीक लगी हैं, राशि खन्ना का काम भी ठीक-ठाक ही है।

कुल मिलाकर फिल्म गोधरा कांड के संघर्ष को उतारने में काम जरूर रही है। लेकिन उसे पूरी तरह से समेटने में मेकर्स कमजोर पड़ गए हैं।  

Sabarmati Report Hindi Review

Sabarmati Report Hindi Review : असली कहानी ये है

27 फरवरी 2002 को, भारत के गुजरात राज्य में एक घटना घटी जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। यह घटना थी गोधरा रेल हादसा, जिसे आमतौर पर गोधरा कांड के नाम से जाना जाता है। इस घटना ने भारत के सांप्रदायिक ताने-बाने को गहरा जख्म दिया और इसके परिणामस्वरूप गुजरात में बड़े पैमाने पर दंगे हुए।

यह घटना उस समय घटी जब अयोध्या से लौट रही एक ट्रेन, सबरमती एक्सप्रेस, गोधरा रेलवे स्टेशन के पास रुकी थी। तड़के करीब 5 बजे, इस ट्रेन के कुछ डिब्बों में आग लग गई और इसमें सवार कई तीर्थयात्री जलकर मर गए। इस घटना में 59 लोगों की जान चली गई थी। पूरी खबर पढ़ें…

ये आर्टिकल्स भी पढ़ें…

Matka Hindi Review : प्रिडिक्टेबल कहानी, ऑडियंस कनेक्ट में बुरी तरह पिछड़ जाता है पीरियोडिक ड्रामा

Matka Hindi Review

एक रिफ्यूजी वासु अपनी मां के साथ 1958 में विशाखापत्तनम आता है। वासु एक हत्या के आरोप में जेल जाता है और एक फाइटर बन जाता है।

वासु की डेयरिंग और अमीर बनने की लालसा उसे एक गैंगस्टर बनाती है। मटका क्या है, वासु कैसे मटका किंग बनता है और उसके बाद उसके साथ क्या होता है। फिल्म इन्हीं सवालों के जवाब देती है। पूरी खबर पढ़ें…

Kanguva Hindi Review : सूर्या के मेगा प्रोजेक्ट को नहीं मिला राइटर्स और स्टोरी को सहारा

Kanguva Hindi Review

Kanguva की कहानी प्रेजेंट और पास्ट में लुप-जुप करती रहती है। 2024 में कहानी हमें फ्रांसिस थियोडोर से इंट्रोड्यूस करवाती है, जो गोवा में रहता है और इनामी शिकारी है। इस काम में उसकी कॉम्पिटिशन एंजेलिना हैं। 

एक दिन फ्रांसिस एक लड़के से मिलता है जो उसके अतीत यानी सन 1070 से कनेक्ट करता है। यहां उसका नाम कंगुवा या कंगा है। जो पेरूमाची का लीडर और भयंकर योद्धा है। 

कंगुवा अपने लोगों के लिए कुछ भी कर सकता है। इस बीच गांव पर रोमानिया के लोगों की तरफ से हमला कर दिया जाता है। इसी बीच में कहानी के विलेन उधीरन की एंट्री होती है। जो प्रजेंट और पास्ट दोनों को जोड़ता है। पूरा रिव्यू पढ़ें…

Share.

Leave A Reply

Exit mobile version