पद्म श्री से सम्मानित मशहूर गजल गायक Pankaj Udhas का 26 फरवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में पैंक्रियाज कैंसर के चलते निधन हो गया। उन्हें 10 दिन पहले सांस लेने में हो रही तकलीफ के चलते भर्ती कराया गया था। उन्होंने सोमवार को करीब 11 बजे अंतिम सांस ली। पंकज के परिवार में उनकी पत्नी फरीदा और दो बेटियां नायाब और रेवा हैं।

Pankaj Udhas को परिवार से विरासत में संगीत

Pankaj Udhas का जन्म गुजरात के जेतपुर में हुआ था। उनके दादा भावनगर के दीवान थे। उनके पिता सरकारी कर्मचारी होने के साथ साथ इसराज नामक वाद्य यंत्र भी बजाते थे। पंकज की मां को भी गाने का शौक था।

Pankaj Udhas को ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ के लिए मिले 51 रुपए

Pankaj Udhas की ने बचपन में कभी म्यूजिक में अपना करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा था। वे पहले डॉक्टर बनना चाहते थे। लेकिन एक बार उन्होंने स्कूल कार्यक्रम के दौरान लता मंगेशकर का ऐ मेरे वतन के लोगों गाया। उन दिनों देश में भारत चाइना वॉर का दौर चल रहा था। पंकज के गाने से लोग भावुक हो गए और दर्शकों में एक व्यक्ति ने उन्हें 51 रुपए इनाम में दे दिए। यहां से उनकी रूचि संगीत की तरफ बढ़ी।

संगीत में महारत के साथ Pankaj Udhas के पास साइंस की डिग्री भी

परिवार के अलावा पंकज ने संगीत की शिक्षा राजकोट के म्यूजिक एंड ड्रामा एकेडमी से प्राप्त की। संगीत सीखने के अलावा साइंस की तरफ रुझान के चलते पंकज ने मुंबई के विल्सन कॉलेज से साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल की।

पंकज ने साल 1972 में फिल्म Kamna अपना सिनेमेटिक डेब्यू किया। हालांकि इस फिल्म से उन्हें खास पहचान नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने गजल गायकी की दुनिया में कदम रखा। 1980 में उनका पहला एल्बम Aahat रिलीज हुआ। जिसके बाद उन्होंने  1981 में एल्बम ‘तरन्नुम’ और 1982 में ‘महफिल’ लॉन्च किया। जिसके बाद धीरे धीरे पंकज का नाम लोगों की जबान पर चढ़ने लगा।

Pankaj Udhas स्टेज पर चढ़ने से पहले पढ़ते थे हनुमान चालीसा

पंकज उधास को परिवार से ही संगीत विरासत में मिला था। उनके संगीतकार बनने में उनके भाइयों का भी हाथ रहा। उनके भाई निर्मल और मनहर भी प्लेबैक और गजल गायन के लिए जाने जाते थे।

पंकज को गजलों के लिए जाना जाता है। लेकिन प्लेबैक सिंगिंग में भी उन्होंने शानदार काम किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि स्टेज या किसी भी गाने की रिकॉर्डिंग से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करते थे।

Chitti Aayi Hai…सुनकर विदेशी नौकर छोड़कर लौटे लोग

1986 में Kumar Gaurav, Sanjay Dutt और Amrita Rao की फिल्म Naam रिलीज हुई। फिल्म ठीक ठाक रही। फिल्म से Pankaj Udhas का गाना चिट्ठी आई है काफी पॉपुलर हुआ।

इस गाने से जुड़ा किस्सा शेयर करते हुए पंकज ने बताया कि एक शो के दौरान एक शख्स मिले उन्होंने बताया कि वे पहले सिलिकॉन वैली में काम किया करते थे। उनकी एक दिन की पेमेंट करीब 1500 डॉलर थी।

उन्होंने एक दिन मेरा गाना ‘चिट्ठी आई है’ सुना। गाना सुनकर वे इमोशनली मोटिवेट हो गए और उन्होंने सिलिकॉन वैली की लाखों की जॉब छोड़कर अपने देश भारत वापस लौटने का फैसला किया।

पड़ोसन को दिल दे बैठे थे Pankaj Udhas

पंकज की लव लाइफ भी काफी इंटरेस्टिंग रही। 70 के दशक में पंकज फरीदा से पहली बार मिले। फरीदा उनके पड़ोस के घर में ही रहा करती थीं। दोनों की मुलाकात हुई और धीरे धीरे इश्क परवान चढ़ने लगा।

इस वक्त पंकज अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे वहीं फरीदा एयर होस्टेस के रूप में काम कर रहीं थीं। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन फरीदा का पारसी परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था। काफी स्ट्रगल के बाद जैसे तैसे पेरेंट्स राजी हुए और दोनों की शादी करवा दी। 

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मैं सत्यम सिंघई पिछले वर्तमान में दैनिक भास्कर में काम कर रहा हूं। फिल्मों और बिंज वॉचिंग के साथ मैं पिछले 1-2 सालों से सिनेमा पर लगातार लिख रहा हूं।

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