Lantrani Hindi Review: Lantrani या लंतरानी ये एंथोलॉजी सीरीज का नाम है जो हाल ही में जी5 पर प्रीमियर हुई। सीरीज फ्री में देखी जा सकती है। रिव्यू से पहले कह देता हूं ये छोड़ने वाला कन्टेंट तो नहीं है। 

लंतरानी मतलब …?

गूगल करने पर हमें पता चलता है कि लंतरानी का मतलब गप्प या डींगे मारना होता है। इस बात का इशारा सीरीज के टाइटल ठीक नीचे लिखा, Tall Tales भी करता है। सीरीज का टाइटल जितना हटके है फिल्म का नॉर्मल लाइफ से कनेक्शन उतना ही स्ट्रांग है। 

Lantrani Hindi Review

डेढ़ से कुछ दस मिनट ज्यादा की Lantrani में तीन कहानियां। पहली कहानी है Hud Hud Dabangg. टाइटल पर ना हीं जाए तो बेहतर होगा। फिल्म एक कॉन्स्टेबल से शुरू होती है जिसे अपनी ड्यूटी के आखिरी दिन एक कैदी को पेशी के लिए 250 किमी दूर ले जाने को कहा जाता है। 

इस काम को पूरा करने के लिए उसे बुलेट बाइक और एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल दी जाती है। बुलेट, पिस्टल और कैदी के साथ कॉन्सटेबल का एडवेंचर शुरू होता है। 

दूसरी कहानी ‘सेनिटाइज्ड समाचार’ कोविड में बंद पड़े न्यूजरूम की कहानी है। जो अपनी सांसे बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। तीसरी कहानी ‘धरना मना है’ में मौन धरने पर बैठी एक सरपंच और उसके पति की कहानी है। 

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बोर तो करेगी नहीं

इसी हफ्ते हमने भक्षक देखी जो एक सोशल फिल्म थी। Lantrani भी उसी Genre की सीरीज है। इसमें भी लगभग हर एंथोलॉजी की तरह मिलते जुलते से टॉपिक हैं लेकिन सीरीज का कहने का अंदाज जोरदार है। सीरीज गंभीर बातों को इतने लाइट ढंग से दिखाती है, जो दर्शकों को बोर नहीं होने देता। 

पहले कहानी में समलैंगिकता जैसे टॉपिक को दिखाया गया है। लेकिन इस टॉपिक पर आने से पहले कहानी गन को लेकर जो ड्रामा क्रिएट करती है उसे देखकर नहीं कहा जा सकता कि कहानी इतनी सेंसिटिव हो सकती है। इसे मशहूर बंगाली फिल्मकार Kaushik Ganguly ने डायरेक्ट किया है। 

दूसरी कहानी भी अच्छी है। फिल्म पत्रकारिता पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ हमले करती है। इसके कोविड के दौरान सोसायटी के चेहरे को दिखाने का भी काम करती है। चूंकि फिल्म कोविड टाइम में बेस्ड है ऐसें में थोड़ी सी कम रिलेवेंट लगती है। बाकी न्यूजरूम वाले रिलेट कर सकते हैं। इसे Bhaskar Hazarika ने बनाया है। 

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तीसरी कहानी सबसे बेहतर

तीसरी कहानी में केवल देखने का काम हैं। अन्य दो के कम्पेरिजन में यही टॉपिक लोगों के सबसे करीब है। एक छोटे से बिल्ड के अराउंड कहानी बढ़िया घूमती है। 

‘धरना मरना है’ के डायरेक्टर Gurvinder Singh हैं जो पहले कई शॉर्ट फिल्म डायरेक्ट कर चुके हैं। उन्होंने सीरीज के अपने पार्ट में कब डायलॉग रखने हैं और कब एक्शन से काम चलाना है इसे बहुत कायदे से रखा है। जो बढ़िया लगा। 

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गुल्लक वाले राइटर ने लिखी है सीरीज

एक्टिंग की बात करें तो Johny Lever और Jisshu Sengupta ने बढ़िया काम किया। जॉनी लीवर अपनी कॉमिक टाइमिंग को सीरियस टोन दिखाते हैं, जो अच्छा है। वहीं जीशू कम बोलने वाले लेकिन इम्पैक्ट डालने वाले किरदार में है। 

दूसरी कहानी में सबसे ज्यादा कैरेक्टर स्क्रीन पर हैं। जिनमें सभी बढ़िया करते नजर आए हैं। इस हिस्से में सटायर ज्यादा है। जो फील करने जैसा है। आखिरी कहानी में Jitendra Kumar और Nimisha Sajayan ने एकदम समा बांधने जैसा काम किया है। 

फिल्म को गुल्लक लिखने वाले दुर्गेश सिंह ने लिखा है। कहानी छोटी हैं लेकिन सुनने लायक हैं। देखिए डालिए समय डेढ़ घंटा ही लगेगा। 

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