Sweet Dreams Hindi Review : स्वीट ड्रीम्स एक दिलचस्प और सोचने पर मजबूर करने वाली कहानी पेश करती है, जो सपनों, खुशी और हकीकत से जुड़े सवालों पर गहराई से चर्चा करती है।
फिल्म पूछती है कि क्या जीवन केवल सपनों का पीछा करने के बारे में होना चाहिए, क्या सपने में संतोष देते हैं, और क्या उन्हें पूरा करने के लिए अपनी हकीकत को बदलना सही है।
ये सवाल बेहद दिलचस्प हैं, और फिल्म इन सवालों की खोज में दर्शकों को पूरी तरह खींचने का काम करती है।
Sweet Dreams Hindi Review : दो अजनबी के सपनों की कहानी
कहानी के केंद्र में केनी (Amol Parashar) और दिया (Mithila Palkar) हैं। केनी जो एक कूल इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर और बिजनेसमैन है, जिसके 100 k फॉलोअर्स हैं। दूसरी ओर है दिया, एक उलझी हुई लड़की, जिसे “कन्फ्यूज्ड” कहे जाने से सख्त नफरत है।
दिया एक कंपनी में काम करती है, गाने का शौक रखती है, और अपने पहले क्लब गिग की तैयारी कर रही है। दोनों की अलग-अलग दुनिया को जोड़ने काम करते हैं सपने।
केनी के सपने अक्सर दिया आती है और दिया के सपने में अक्सर केनी। जबकि दोनों एक दूसरे से कभी मिले भी नहीं है। जो सपनों में एक-दूसरे से मिलते हैं और धीरे-धीरे अपने सपनों और वास्तविकता के बीच की खाई को पाटने की कोशिश करते हैं।
Sweet Dreams Hindi Review : एक्टर रियल किरदार को दिखाते है
अमोल और मिथिला के बीच का रिश्ता रियल और इमोशनल लगता है, जिसका श्रेय पाराशर और पालकर की शानदार केमिस्ट्री को जाता है। पाराशर केनी के किरदार को सहजता और ईमानदारी के साथ निभाते हैं।
जबकि पालकर दिया को एक ऐसी फ्री-स्पिरिट लड़की के रूप में पेश करती हैं, जो अपनी जगह को लेकर असमंजस में है।
कलाकारों के मजबूत प्रदर्शन के बावजूद, विक्टर मुखर्जी के डायरेक्शन वाली स्वीट ड्रीम्स अपने ड्रीम्स Vs रियलिटी विचार को सही ढंग से दिखाने में कमजोर साबित होती है।
Sweet Dreams Hindi Review : इंटरेस्टिंग बिल्ड लेकिन एग्जीक्यूशन कमजोर
फिल्म का प्लॉट इंटरेस्ट बिल्ड करता है, लेकिन यह दर्शकों को सपनों की उस जादुई दुनिया में पूरी तरह डुबाने में फेल हो जाता है, जिसका वादा किया गया था।
फिल्म अपने भावुक पहलुओं को बेहतर तरीके से संभालने की बजाय ज्ञान देने लगती है। इससे वह गहराई से कनेक्ट होने का मौका गंवा देती है।
फिल्म में बोनफायर, अलीबाग की रोमांटिक ट्रिप्स जैसे अच्छे दिखने वाले सीन हैं। जो रोमांस को उभारने के मौके देते हैं। लेकिन स्वीट ड्रीम्स इन पलों का पूरी तरह लाभ नहीं उठा पाती।
Sweet Dreams Hindi Review :उलझी-उलझी सी कहानी
रोमांटिक और सपनों जैसी दुनिया रचने के बजाय, कहानी अपने मैसेज में उलझ जाती है, जिसके अंत में एक खालीपन महसूस होता है।
क्या दिया और केनी एक-दूसरे को पाएंगे या खुशी हासिल करेंगे। यह गुत्थी फिल्म खत्म होने के बाद भी अनसुलझी रह जाती है। फिर भी फिल्म आपको यह सोचने पर मजबूर करती है, ठीक उसी तरह जैसे इसके किरदार सोचते हैं कि आगे क्या होगा।
अपनी कमजोरियों के बावजूद, यह एक दिलचस्प फिल्म है, जो सेल्फ सर्च पर फोकस करने वाले दर्शकों को पसंद आएगी। यह फिल्म डिज़्नी+हॉटस्टार पर स्ट्रीमिंग के लिए अवेलेबल है।
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