Marco Hindi Review : इन दिनों सिनेमा लवर्स खास तौर पर वायलेंस और मास एंटरटेनिंग फिल्मों के शौकीन लोगों की जुबान पर फिल्म मारको का नाम चढ़ा हुआ है।
पिछले साल बॉलीवुड की तरफ से आई खूंखार एक्शन फिल्म Kill से इसका न सिर्फ कम्पेरिजन किया जा रहा है बल्कि इसे किल से दो कदम आगे भी बताया जा रहा है। कुछ लोग तो इसे इंडियन जॉन विक कहने से भी नहीं चूक रहे।
तो पहले जो नहीं जानते उन्हें बताते हैं कि मलयालम फिल्मों के एक्टर Unni Mukundan इस फिल्म में लीड रोल में हैं। इस फिल्म को Haneef Adeni ने डायरेक्ट किया है। फिल्म हिंदी समेत अन्य भाषाओं में भी थिएटर में चल रही है।
Marco Hindi Review : कहानी रिवेंज ड्रामे वाली है
कहानी कोचीन में बेस्ड हैं। जहां जन्म से ब्लाइंड विक्टर (Ishaan Shoukath) के सामने ही उसके दोस्त वसीम की हत्या कर दी जाती है। ब्लाइंडनेस के बाद भी विक्टर ये समझने में कामयाब हो जाता है कि वसीम की हत्या रसेल इसाक (Abhimanyu Thilakan) ने की है। कुछ दिनों बाद रसेल विक्टर को भी एसिड में डुबो कर बेरहमी से मार डालता है।
विक्टर का भाई, जॉर्ज पीटर (Siddique) सोने की तस्करी का एक नेटवर्क चलाता है। यहां पीटर और विक्टर के सौतेले भाई मारको की एंट्री होती है। जो अपने भाई का बदला लेने के लिए निकल पड़ता है।
मारको की खून खराबे वाली रिवेंज जर्नी में उसके सामने कई छिपे हुए राज निकलकर सामने आते हैं। हालांकि फिल्म का मेन इस बात पर डिपेंड करता है कि मारको विक्टर की मौत का बदला कैसे लेगा।
Marco Hindi Review : कहानी एक्शन पर फोकस बनाए रखती है
स्टार्टिंग से फिल्म Marco अपने फोकस को लेकर चलती है। फिल्म का फोकस सरल है कहानी सीधे तौर पर रिवेंज ड्रामा होगी लेकिन इस खतरनाक एक्शन कोरियोग्राफी के साथ यूनिक बनाया जाएगा।
फिल्म का पहला आधा घंटा काफी स्लो है, क्योंकि आधे घंटे बाद ही फिल्म में मारको यानी उन्नी मुकुंदन की एंट्री होती है। उनकी एंट्री हमें फिल्म KGF में यश की एंट्री याद दिलाती है, जो छोटे-छोटे बच्चों के वॉयस ओवर का सहारे लेते हैं।
मारको शॉर्टेड आदमी है, वो अपने परिवार के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वह केवल इतना जानता है कि परिवार की रक्षा कैसे करें या उन लोगों को कैसे मारें जो उसके परिवार पर हमला करने की कोशिश करते हैं।
Marco Hindi Review : वायलेंस हजम करना मुश्किल
सीधे तौर पर कहानी एक रिवेंज ड्रामा है, लेकिन इसका एक्शन इस अलग बनाता है। मारको का पहला हाफ में कहानी के साथ वायलेंस मिलता है। वहीं दूसरे हाफ में प्योर वायलेंस ही वायलेंस मिलता है। दूसरे हाफ के खूनी सीन्स हर तरह की ऑडियंस के लिए नहीं हैं।
फिल्म में एक्शन को जस्टिफाई करने के लिए परिवार वाले एंगल को रखा जरूर गया है लेकिन इमोशनल वेटेज में कहानी काफी कमजोर हैं। फिल्म के प्लॉट में गहराई की कमी है, वहीं सब प्लॉट्स के नाम पर कुछ भी नहीं है।
Marco Hindi Review : टेक्निकल पार्ट और उन्नी की एक्टिंग बढ़िया
एक्शन कोरियोग्राफी पर फिल्म पूरी तरह से फोकस करती है। जो स्क्रीन पर नजर भी आता है। सीढ़ियों की लड़ाई हो या कॉरिडोर की लड़ाई, हैंडहेल्ड कैमरा का यूज इफेक्टिव सीन का हिस्सा है। बैकग्राउंड म्यूजिक और एडिटिंग भी यूजर एक्सपीरियंस को इंटरेस्टिंग बनाने का काम करती है।
एक्टिंग की बात करें तो उन्नी मुकुंदन ने अपनी एक्टिंग की रेंज को एक्सप्लोर किया है। एक्शन सीन्स में वे स्क्रीन पर बेहतरीन लगते हैं। हालांकि फिल्म में केजीएफ और एनिमल जैसी फिल्मों के रेफरेंस देखने को मिलते हैं। ओवरऑल उन्नी मुकुंदन का वन मैन शो हैं, सपोर्टिंग एक्टर्स के पास करने के लिए ज्यादा कुछ है भी नहीं।
कुल मिलाकर मारको की हर जगह चर्चा हो रही है, और इसका एक्शन चर्चा करने लायक है भी। लेकिन जॉन विक जैसी फिल्मों से कम्पेरिजन करना, थोड़ा सा बचकाना होगा।
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