Manjummel Boys Hindi Review : जाने नहीं देंगे तुझे। फिल्म थ्री इडियट का ये गाना और इसके आस-पास की स्टोरी दोस्त और दोस्ती के इम्तिहान और सीरियस दिखाने की कोशिश करती है।
इसी टोन को पूरी की पूरी फिल्म के तौर पर दिखाने का काम करती है मलयालम भाषा की फिल्म Manjummel Boys. फिल्म की खास बात जो है कि फिल्म एक सच्ची घटना पर बेस्ड है। ट्रेलर देखें
Manjummel Boys Hindi Review : कहानी सच्ची दोस्ती वाली
फिल्म की कहानी दर्जन भर से ज्यादा लड़कों के एक ग्रुप की कहानी है। जो कोची के पास Manjummel नाम की जगह पर रहते हैं। ज्यादातर लड़के नई उम्र के हैं। ऐसे में नाम के लिए काम करते हैं। बाकी रस्साकशी का खेल ऐसी कड़ी है जो इन सभी को आपस में जोड़ती है।
गैंग है तो राइवल गैंग भी है। लेकिन सिर्फ रस्साकशी के खेल में ही। कहानी अगर रस्साकशी पर ही खत्म हो जाती तो फिल्म थोड़े ही बनती।
Manjummel Boys की राइवल टीम गोवा जाकर घूम कर आती है तो ये लड़के भी घूमने के निकल पड़ते हैं। सब कुछ तय होता है और सवारी कोडाइकनाल की तरफ निकल पड़ती है गुना केव्स देखने।
Manjummel Boys Hindi Review : और दोस्त खतरे में
केव्स में घूमते घूमते लड़के डेंजर एरिया में पहुंच जाते हैं और इन्हीं में से एक लड़के एक गहरे गड्ढे में गिर जाता है। जिसे डेविल्स किचन कहा जाता है। इस गड्ढे का इतिहास रहा है जो भी इसमें गिरा उसकी लाश भी आज तक नहीं मिली।
एक तरफ दोस्त को बचाने की जिद लिए दोस्त हैं दूसरी तरफ गहरा, डरावना और मौत सरीखा गड्ढा है। जीत किसकी होगी, जान बचेगी या नहीं कहानी यहीं से क्लाइमैक्स में पहुंचेगी।
Manjummel Boys Hindi Review : एक फन जोन, एक सीरियस टोन
2008 में लड़कों की गैंग के साथ ये घटना हो चुकी है। फिल्म पोस्ट प्रोडक्शन में इसके सबूत भी साझा करती है।
फिल्म दोस्तों वाले फन जोन में शुरू होती है। जो करीब आधे-पौने घंटे ऐसी ही चलती है। लेकिन एक बार गड्ढा जब एंट्री मार लेता है तो कहानी सीरियस टोन पकड़ लेती है और इस अंत तक नहीं छोड़ती।
Manjummel Boys Hindi Review : दोस्ती वाला बॉन्ड दिखता है
Manjummel Boys दोस्ती के बॉन्ड को दिखाने के लिए किसी मारधाड़ वाले या जान जोखिम वाले सीन का उपयोग नहीं करती। बल्कि जरूरी जगहों पर सीन दिखाकर इसे साबित करती है। एक सीन में जब सभी लड़के अपनी दोस्ती दिखाने के लिए एक-एक करके गड्ढे के सामने लेटने लगते हैं।
ये कवायद और डेडिकेशन के दोस्त को बचाने का। Manjummel Boys में ऐसे कई सीन हैं। इसके अलावा बचपन के बॉन्ड से कहानी को जोड़ना अच्छा लगता है। फिल्म कतई रोने को मजबूर करने वाली घटना नहीं है बल्कि फील करने वाली बात है।
Manjummel Boys Hindi Review : ये कमियां रह जाती हैं
हालांकि कहानी में कई लूपहोल्स हैं। इसमें सबसे बड़ा नेगेटिव स्लो पेस है। दूसरी बात कहानी इंट्रो जो सीन दिखाती है उसे आखिर में जस्टिफाई नहीं करने में चूक जाती है। गड्ढे में गिरने वाले लड़के का प्रेजेंटेशन का ट्रीटमेंट भी कमजोर है।
फिल्म की सिनेमेटोग्राफी बढ़िया हैं। सीन्स को दिखाने का तरीका उन्हें एक्सप्लेन करना सही लगता है। लोकेशन पर फिल्माए ड्रोन और लॉन्ग डिस्टेंस सीन सही लगते हैं।
एक्टर्स में कमी निकालने जैसी चीजें नहीं हैं। बस स्क्रीन प्ले थोड़ा टाइट होता तो ज्यादा मजेदार होता।
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Nanpakal Nerathu Mayakkam Hindi Review : पुनर्जन्म का बेहतरीन ड्रामा
फिल्म की कहानी ट्रैवल करके केरल लौट रहे एक ग्रुप की है।
बस में सभी लोग सो जाते हैं, लेकिन उनका साथी जेम्स बीच में गाड़ी रुकवाता है और उतरकर कहीं चला जाता है। काफी देर बाद भी वापस नहीं आता तो उसकी खोज-बीन शुरू होती है। जब वह मिलता है तो वो जेम्स से सुन्दरम बन जाता है।
उसे देखकर गांव वाले और बस के सभी साथी हैरान-परेशान हो जाते हैं। कहानी की परतें खुलती हैं तो पुनर्जन्म टाइप का मामला सामने आता है। कहानी मात्र सुबह से लौट सुबह और फिर शाम होने तक की है।
इसी बीच पता चलता है कि कौन साथ है कौन नहीं? कौन अपना है कौन पराया? क्या जेम्स वापस घर जाता है या वहीं रुक जाता है, जानने के लिए देखनी होगी फिल्म। पूरा रिव्यू पढें…
ARM Movie Hindi Review : Tovino Thomas अपने दम पर कहानी को खींच ले गए
Tovino Thomas इन दिनों अपनी फिल्म ARM या Ajayante Randam Moshanam को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म को हाल ही में हिंदी लैंग्वेज में रिलीज किया गया है। ट्रेलर देखें
फिल्म की कहानी अजय यानी Tovino Thomas से शुरू होती है। जो एक गांव में अपनी मां के साथ रहता है। वह गांव में ही छोटे-मोटे काम करता है। लेकिन गांव में जब भी कोई चोरी होती है उसका इल्जाम अजय पर ही लगता है।
इसकी वजह उसके दादा मनियन को माना जाता है, जो गांव के जाने-माने चोर थे। गांव में एक मंदिर भी जिसमें अजय और उसका परिवार पीढ़ियों से पूजा करता आ रहा है।
इसी बीच में सुदेव वर्मा यानी Harish Uthman की एंट्री होती है। जो मंदिर के प्राचीन देवता की मूर्ति चुराने आया है। सदैव इस तरीके से चोरी की प्लानिंग करता है जिससे सारा शक अजय पर जाए।
अजय इस चोरी को रोकने का प्रयास करता है। इसी सिलसिले में कहानी के तार अजय के पिता और दादा से जुड़ते हैं। अजय चोरी रोक पाएगा या नहीं, यही प्लॉट ट्विस्ट है। पूरा रिव्यू पढ़ें…
Kishkindha Kaandam Hindi Review : इस फिल्म को सिनेमा मास्टर क्लास क्यों कहा जा रहा है
फिल्म मुख्य तौर पर तीन प्लॉट से जुड़कर एक कहानी बनाती है। फिल्म की कहानी एक खोई हुई बंदूक से शुरू होती है। जिसके बाद कई अजीब घटनाएं होती है। इसके बाद कहानी एक नवविवाहित जोड़े की जिंदगी को दिखाती है जो जंगल के किनारे रहते हैं। इन के घर के आस-पास बंदरों भी रहते हैं। जिससे परिवार परेशान है।
इस कपल के साथ उनका पिता भी रहता है, जिसका कनेक्शन नक्सलियों से जुड़ा हुआ है। वहीं एक तीसरी कहानी एक लापता लड़के से जुड़ी हुई है। फिल्म का मैन ट्विस्ट इन तीनों कहानियों को आपस में जोड़ता है। पूरा रिव्यू पढ़ें…