Loveyapa Hindi Review : 2022 में एक तमिल फिल्म आई थी Love Today, जो एक अलग तरह के कॉन्सैप्ट पर बनी थी। इसमें प्रदीप रंगनाथन और इवाना लीड रोल में नजर आए थे।
लेकिन फिल्म की कहानी ओरिजनल नहीं थी, बल्कि 2020 की शॉर्ट फिल्म App(a) Lock की कहानी से इंस्पायर थी।
अब बॉलीवुड ने इसी फिल्म को उठाकर एक नया कवर चढ़ाया है, जिसे loveyapa नाम दिया गया है। खास बात ये है कि इस फिल्म में Aamir Khan के बेटे Junaid Khan और Shridevi की बेटी Khushi Kapoor जैसे एक्टर डेब्यू कर रहे हैं।
Loveyapa Hindi Review : फोन एक्सचेंज वाली कहानी
गौरव सचदेवा उर्फ गुच्ची (जुनैद) और बानी (खुशी) एक-दूसरे से प्यार करते हैं। लेकिन जब वे अपने रिश्ते को अगले स्तर पर ले जाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन बानी के शुद्ध हिंदी बोलने वाले, आदर्शवादी पिता अतुल कुमार शर्मा (Aashutosh Rana) उनके प्यार और विश्वास को परखने का एक अजीब तरीका निकालते हैं – वे दोनों को एक-दूसरे का मोबाइल फोन एक्सचेंज करने को कहते हैं।
जल्द ही, वे एक-दूसरे के छुपे हुए चैट्स, गुप्त सोशल मीडिया अकाउंट्स और उन गहराइयों को खोज निकालते हैं, जो शायद सिर्फ उनके फोन को ही पता थीं। जल्द ही उन्हें एहसास होता है कि वे उतने पारदर्शी नहीं हैं, जितना वे दावा करते थे। इसके बाद जो होता है, वह ड्रामा, हंसी, व्यंग्य और कुछ ऐसे सवालों का मिक्स्चर है, जिनके जवाब खुद उनके पास भी नहीं हैं।
Loveyapa Hindi Review : स्टारकिड्स की एक्टिंग कैसी हैं
जुनैद और खुशी एक्टिंग बैकग्राउंड से आते हैं ऐसे में उनसे दर्शकों की उम्मीद बढ़ जाती हैं। इस फिल्म में कम से कम जुनैद ने अपनी तैयारी को बखूबी दिखाया है। उनमें एक अच्छे अभिनेता की झलक साफ नजर आती है।
उनके थिएटर अनुभव और वर्षों की ट्रेनिंग का असर साफ दिखता है, खासकर उन दृश्यों में जहां वे अकेले स्क्रीन पर होते हैं। 31 साल की उम्र में वे रोमांस और कॉमेडी दोनों को बखूबी निभाते हैं – जो कई स्टार किड्स भूल चुके हैं, क्योंकि अब बड़े पर्दे पर सिर्फ एक्शन का बोलबाला है।
उनका उच्चारण साफ है, संवाद स्पष्ट हैं और वे अपने मोनोलॉग्स को बिना जल्दबाजी के पूरा करते हैं। उनके अभिनय में एक ठहराव और आत्मविश्वास दिखता है। महाराज में उनका परफॉर्मेंस ज्यादा स्टेज-प्ले जैसा लगा था, लेकिन लवयापा में वे बिल्कुल सही लगते हैं। कई दृश्यों में वे दो लोगों की तरह अभिनय करते हुए महसूस होते हैं।
Loveyapa Hindi Review : खुशी को अभी मेहनत करनी है
खुशी कपूर, जिन्होंने नेटफ्लिक्स की द आर्चीज में अपना डेब्यू किया था, यहां भी खास प्रभावित नहीं करतीं। उनकी हिंदी कमजोर लगती है और उनकी डायलॉग डिलीवरी भी उतनी प्रभावशाली नहीं है।
हालांकि, उनकी स्टाइलिंग – खासतौर पर उनके चिकनकारी कुर्ते – उन्हें एक आम इंडियन लड़की का लुक देने में मदद करते हैं। लेकिन अभिनय के मामले में उन्हें अभी लंबा सफर तय करना है।
Loveyapa Hindi Review : मुद्दे से नहीं भटकती फिल्म
फिल्म का मैसेज स्पष्ट है, नई चीजों को अपनाओ, लेकिन उनकी बुरी आदतों के शिकार मत बनो। लेखिका स्नेहा देसाई (लापता लेडीज़ की लेखक) ने सोशल मीडिया जनरेशन की उलझनों को बहुत सरलता से हल करने की कोशिश की है।
फिल्म में एक बेहद प्रभावशाली डायलॉग है, जहां आशुतोष राणा का किरदार बानी से कहता है, “रिपेयर करो, रिप्लेस नहीं।” यह एक गहरी टिप्पणी है कि आज की पीढ़ी हर चीज़ का त्वरित समाधान ढूंढ रही है – रिश्तों में, परिवार में, दोस्ती में और करियर में।
कुल मिलाकर फिल्म एक अच्छे मुद्दे के साथ आती है। लेकिन फिल्म की कम सीरियस एक्टिंग इसे ज्यादा हल्के ट्रीटमेंट का शिकार बना देती है।
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फिल्म की कहानी ऐसी है कि लंबे बाल रखने के कारण पुलिस अफसर को सस्पेंड कर दिया जाता है, लेकिन रवि नियमों के हिसाब से नहीं चलता। उसे अपराधियों को हथकड़ी पहनाने से ज्यादा उन्हें गोली मारने में यकीन है।
अगर कोई विलेन उसके एक्शन से बच भी जाए, तो भी रवि उसे ढूंढ कर मारेगा—वो भी धांसू डायलॉग के साथ।
कोई गलतफहमी मत पालिए, रवि कुमार पठान है, गदर का तारा सिंह है, जवान है—सब कुछ एक साथ। जब भी वह बोलता है, आवाज़ गूंजती है। वह हम आम इंसानों की तरह सामान्य नहीं है—जो भी कहता है, तुकबंदी में कहता है। पूरा रिव्यू पढ़ें…
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गुस्से में देव इस केस की तह तक पहुंचता है और असली गुनहगार को पकड़ लेता है, लेकिन फिर उसकी याददाश्त चली जाती है। इसके बाद की कहानी देव के इस केस को फिर से सुलझाने की जद्दोजहद करती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…