Kaushaljis VS Kaushal Hindi Review : अगर आपको लगता है कि शादीशुदा जिंदगी का सबसे बड़ा मसला बच्चों की परवरिश या EMI भरना है, तो Kaushaljis VS Kaushal आपकी सोच बदल सकती है।
यह फिल्म उन रिश्तों की पड़ताल करती है जो वक्त के साथ धुंधले पड़ जाते हैं, भावनाओं की जगह शिकायतें ले लेती हैं और कभी-कभी हालात इतने उलझ जाते हैं कि उनका हल तलाक में ही दिखता है। लेकिन क्या सच में रिश्ता खत्म करना इतना आसान होता है?
Kaushaljis VS Kaushal Hindi Review : परिवार वाली कहानी
यह कहानी है साहिल (Ashutosh Rana) और संगीता (Sheeba Chaddha) की, जो दो दशक से अधिक समय से शादीशुदा हैं। उनके बेटे युग (Pavail Gulati) की जिंदगी अपने रास्ते पर चल रही है, लेकिन उनकी अपनी शादी अब टूटने के कगार पर खड़ी है।
साहिल को कव्वालियां और अमीर खुसरो की शायरी पसंद है, वहीं संगीता अब इत्र बनाने में सुकून तलाश रही हैं। वे दोनों एक ही घर में रहते हुए भी अलग-अलग दुनिया में जी रहे हैं। ऐसे में तलाक का विचार उनके दिमाग में घर कर जाता है। लेकिन क्या यह सही फैसला होगा?
फिल्म की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इसे भारत की इत्र राजधानी कहे जाने वाले कन्नौज में सेट किया गया है। ठीक वैसे ही जैसे एक पुराना इत्र वक्त के साथ अपनी खुशबू खो देता है, वैसे ही यह शादी भी धीरे-धीरे अपनी खुशबू खो रही है। फिल्म इस रिश्ते की महक को फिर से तलाशने की कोशिश करती है।
Kaushaljis VS Kaushal Hindi Review : एक्टिंग अच्छी है
जहां युग और उसकी गर्लफ्रेंड कियारा (Isha Talwar) की अपनी कहानी चल रही होती है, वहीं फिल्म की असली जान साहिल और संगीता के रिश्ते में छिपी है। Ashutosh Rana, जो हाल ही में Chhaava में एक दमदार जनरल के रूप में नजर आए थे, यहां एक ऐसे पति का किरदार निभा रहे हैं जो अपनी पत्नी के सामने दबा-दबा सा रहता है।
उनकी बॉडी लैंग्वेज से लेकर उनकी आंखों में झलकती उदासी तक, सब कुछ बहुत ही स्वाभाविक लगता है। Sheeba Chaddha भी अपने किरदार में जान डाल देती हैं। उनकी झुंझलाहट, उनकी चुप्पी और उनकी आंखों में छिपा दर्द हर उस महिला की कहानी बयान करता है जिसने कभी शादी में अकेलापन महसूस किया हो।
फिल्म के बाकी कलाकार भी कहानी में गहराई जोड़ते हैं। Pavail Gulati और Isha Talwar अपने किरदारों में सहज लगते हैं, लेकिन Isha के किरदार की गहराई और बढ़ाई जा सकती थी।
दीक्षा जोशी (जो युग की बहन रीत की भूमिका निभाती हैं), गुरुशा कपूर और बृजेंद्र काला जैसे कलाकार फिल्म को और वास्तविक बनाते हैं। आशीष चौधरी ने युग के बॉस मौर्य के रूप में थोड़े समय के लिए ही सही, लेकिन प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है।
Kaushaljis VS Kaushal Hindi Review : फिल्म बैलेंस करके चलती है
निर्देशक Seema Desai को इस फिल्म के लिए विशेष रूप से बधाई देनी चाहिए। उन्होंने न सिर्फ एक संवेदनशील विषय को उठाया है, बल्कि उसे हास्य और भावनाओं के सही मिश्रण के साथ प्रस्तुत भी किया है। फिल्म पारंपरिक और आधुनिक सोच के टकराव को भी दर्शाती है—जहां युग और कियारा के रिश्ते में खुलापन और दोस्ती है, वहीं साहिल और संगीता के रिश्ते में अनकहे दर्द और दबी हुई शिकायतें हैं।
फिल्म के कई दृश्य आपको हंसाते हैं, तो कुछ ऐसे भी हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देते हैं। खासतौर पर जब साहिल अपनी पत्नी के तानों से बचने के लिए कव्वालियों में खो जाता है या जब संगीता अपने अकेलेपन को इत्र बनाने में छिपाने की कोशिश करती है।
Kaushaljis VS Kaushal Hindi Review : देखें या ना देखें?
बॉलीवुड में अक्सर रिश्तों पर बनने वाली कहानियां नई प्रेम कहानियों या युवाओं की जद्दोजहद पर केंद्रित होती हैं। लेकिन Kaushaljis VS Kaushal उन रिश्तों की कहानी कहती है जिन पर वक्त की धूल जम चुकी होती है। यह फिल्म दिखाती है कि शादीशुदा जिंदगी में प्यार से ज्यादा जरूरी है एक-दूसरे को समझना और स्वीकार करना।
अगर आपको हल्के-फुल्के पारिवारिक ड्रामे पसंद हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें। JioHotstar पर उपलब्ध इस फिल्म को देखते हुए आपको लगेगा कि यह कहानी आपके या आपके किसी जानने वाले की जिंदगी से ही जुड़ी हुई है। (Kaushaljis VS Kaushal Hindi Review)
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