Hisab Barabar Hindi Review : सब टीवी पर आने वाले लापतागंज और चिड़ियाघर जैसे शोज बनाने वाले Ashwini Dhir ने हाल ही में एक फिल्म डायरेक्ट की है जिसका नाम Hisab Barabar है।
फिल्म में R Madhwan Neil Nitin Mukesh और Kiriti Kulhari लीड रोल में हैं। फिल्म ZEE5 पर स्ट्रीम हो रही है। हिसाब बराबर सोशल मैसेज को आपके दिमाग में अग्रेसिव होकर दिखाने की कोशिश करने जैसी लगती है।
Hisab Barabar Hindi Review : स्कैम का खुलासा करने वाली कहानी
Hisab Barabar में नील नितिन मुकेश एक रंग-बिरंगे कपड़े पहने, अजीबोगरीब राजनेता मिक्की मेहता का किरदार निभाते हैं।आर. माधवन ने राधे मोहन शर्मा की भूमिका निभाई है, जो चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहता था लेकिन टिकट कलेक्टर बन गए हैं। वह अपने उसूलों पर चलता है और कभी भी जुर्माना वसूलने के काम में चूक नहीं करता।
राधे मोहन रेलवे स्टेशन पर एक अस्थायी क्लासरूम में छात्रों को पढ़ाते हैं। उनकी पूरी शख्सियत बैलेंस शीट के हिसाब-किताब पर टिकी है। जब तक LHS=RHS न हो जाए, वह चैन से नहीं बैठते। एक सिंगल फादर के तौर पर उनका जीवन बस नंबरों को क्रॉस-वेरिफाई करने के इर्द-गिर्द घूमता है। ऐसे में, जब उन्हें बैंक में ₹27.50 की गड़बड़ी नजर आती है, तो वह वहां पहुंच जाते हैं।
हैरानी की बात यह है कि इस दौरान उन्हें मिक्की मेहता से जुड़े एक बड़े बैंक घोटाले का पता चलता है। इसके बाद कहानी किस दिशा में जाती है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। कीर्ति कुल्हारी ने इंस्पेक्टर पूनम जोशी की भूमिका निभाई है, जो इस मामले की जांच करती हैं।
Hisab Barabar Hindi Review : कहानी बोझ बनती जा रही
फिल्म का मकसद भ्रष्टाचार और बैंकिंग सेक्टर व राजनीति के गठजोड़ को उजागर करना है, और यह दिखाना है कि एक आम आदमी सही के लिए खड़ा होता है।
फिल्म का निर्देशन इसे जबरदस्ती दर्शकों पर थोपने जैसा लगता है। निर्देशक अश्विनी धीर ने इसे इतना सीधा और स्पष्ट बना दिया है कि यह परेशान करने वाला हो जाता है। कहानी की शुरुआत में ही 40 मिनट केवल प्लॉट सेट करने में खर्च हो जाते हैं।
Hisab Barabar Hindi Review : एक्टर्स की कोशिश ठीक-ठीक है
आर माधवन बेशक बेहतरीन एक्टर हैं, लेकिन इस किरदार में उनका प्रयोग ढंग से नहीं किया गया है। वे एकदम रिपीटेटिव लगते हैं। कीर्ति कुल्हारी का किरदार भी काफी हद तक उलझन भरा रहा है।
Rashmi Desai ने मोनालिसा यादव का किरदार निभाया है, जो एक बेबीसिटर के रूप में अपनी अजीब कॉमेडी लाने की कोशिश करती हैं, लेकिन उनका अजीब व्यवहार ज्यादा असर नहीं डालता।
वहीं, नील नितिन मुकेश अपने ओवर-द-टॉप अंदाज के साथ फिल्म को बचाने की पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन खराब डायलॉग और कमजोर किरदार उन्हें कोई मदद नहीं पहुंचाते।
Hisab Barabar Hindi Review : रिलेवेंसी को भुना नहीं पाए
गौर करने वाली बात यह है कि हिसाब बराबर ऐसे समय में आई है जब घोटालों (डिजिटल गिरफ्तारी से लेकर बैंकिंग धोखाधड़ी तक) की घटनाएं चरम पर हैं। फिल्म आज के समय में बेहद प्रासंगिक है, खासकर इसके एंटी-कैपिटलिस्ट और जनता-समर्थक संदेश के कारण।
यह एक चेतावनी भरी कहानी हो सकती थी। यह हमें दुनिया की व्यवस्थाओं पर पुनर्विचार करने का मौका दे सकती थी, लेकिन फिल्म अपने सभी कार्ड्स एक साथ खोल देती है और कल्पना के लिए कुछ नहीं छोड़ती।
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कहानी के केंद्र में केनी (Amol Parashar) और दिया (Mithila Palkar) हैं। केनी जो एक कूल इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर और बिजनेसमैन है, जिसके 100 k फॉलोअर्स हैं। दूसरी ओर है दिया, एक उलझी हुई लड़की, जिसे “कन्फ्यूज्ड” कहे जाने से सख्त नफरत है।
दिया एक कंपनी में काम करती है, गाने का शौक रखती है, और अपने पहले क्लब गिग की तैयारी कर रही है। दोनों की अलग-अलग दुनिया को जोड़ने काम करते हैं सपने।
केनी के सपने अक्सर दिया आती है और दिया के सपने में अक्सर केनी। जबकि दोनों एक दूसरे से कभी मिले भी नहीं है। जो सपनों में एक-दूसरे से मिलते हैं और धीरे-धीरे अपने सपनों और वास्तविकता के बीच की खाई को पाटने की कोशिश करते हैं। पूरा रिव्यू पढ़ें…
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फ्लैशबैक में, टैबी एक देशभक्त और साहसी पायलट है, जो अपने गुरु आहूजा के साथ पाकिस्तान के हथियारों की रेकी करता है। हालांकि, सरकार पहले हमला करने से इनकार कर देती है। पाकिस्तान रात में भारतीय एयरबेस पर हमला करता है, जिसके बाद भारत सरगोधा एयरबेस पर जवाबी मिशन Sky Force का प्लान बनाता है।
आहूजा टैबी को स्टैंडबाय पर रखते हैं, लेकिन मिशन के बाद पता चलता है कि टैबी ने गुप्त रूप से ऐसा बड़ा योगदान दिया, जिससे यह हमला सफल हुआ। टैबी गायब हो जाता है, और आहूजा उसे और उसकी भूमिका को खोजने के मिशन पर निकलते हैं। पूरा रिव्यू पढ़ें…