Hello Sharma Ji Review : लिफ्ट का दरवाजा खुलता है और हाथ में बैग लिए एक नई उम्र का लड़का स्क्रीन पर है। कुछ सेकेंड्स के बाद हमें पता चलता है कि लड़का पीजी में नया आया है। (Hello Sharma Ji यहां देखें।)
Hello Sharma Ji Review
पीजी मालिक ने फोन पर जिस तरह के घर की बात कही थी पीजी का माहौल उससे काफी उलट है। फिर फास्ट फॉरवर्ड मोड में शुरू होती है इन हालातों को बदलने की दौड़, जिसके कई राउंड होते हैं।
थोड़े से मेंटल ट्रॉमा के बाद कहानी में लीप आता है। फिर रूम पर गर्लफ्रेंड आती है ट्विस्ट आता है और आखिरी में आता है एक नया रूममेट।
Hello Sharma Ji Review
13 मिनट के आस-पास की ये शॉर्ट फिल्म मिक्स्ड पेश वाली है। शुरुआती मिनटों में मोनोलॉग में थोड़ी सी फंसती है। सर्वाइवल दिखाते-दिखाते बीच में लीप ले लेती है जो थोड़ा सा खटकता है।
लीप के बाद सिचुएशन एकदम से बदल जाती है और जल्दी जल्दी सब कुछ निपटा दिया जाता है।
फिल्म इस कहानी के अलावा एक साइकोलॉजिकल बीमारी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर की बात भी करती है। जिसमें व्यक्ति को एक ही काम बार बार करने की जरूरत महसूस होती है, जैसे बार बार सफाई करना।
Hello Sharma Ji Review
शॉर्ट फिल्म को Divith Shetty ने लिखा और डायरेक्ट किया है। डायरेक्शन अच्छा है, एक ही जगह पर कई सिचुएशन क्रिएट की गई हैं। हालांकि एडिटिंग में कुछ कमियां निकाली जा सकती हैं। कॉमिक टाइमिंग भी लैंड नहीं करती हैं।
Divith Shetty इससे पहले म्यूजिक वीडियो Dhoondta Hu और अवॉर्ड विनिंग डॉक्यूमेंट्री Gateway Storytellers बना चुके हैं। वहीं Hello Sharma Ji ? को फिल्मों से जुड़े कई मंचों से सराहना मिली है।
रिव्यू और भी हैं …
Heeramandi Hindi Review : भंसाली का नया Gem है हीरामंडी
इतिहास के हिस्से वाली किताबों के किसी कोने में लिखा है कि आजादी से पहले लाहौर में एक जगह हुआ करती थी हीरामंडी।
जो तवायफों का बाजार था। नहीं समझे, तवायफ यानी सेक्स वर्कर्स। जिनका देश की आजादी में कुछ योगदान था। जो तारीखों के साथ मिटता गया।
इसी हीरामंडी पर संजय लीला भंसाली ने तसल्ली से वेबसीरीज बनाई है। लंबे समय से सुनने में आ रहा था, भंसाली अपनी पहली वेब सीरीज बना रहें, अब जाकर देखने को मिली। अब तक फिल्में बनाने वाले भंसाली के लिए ओटीटी कोई नई बात नहीं लगती। उनके सीरीज के हर सीन में भंसाली के सिनेमा की छाप नजर आती है। पूरी रिव्यू पढ़ें…
Pyaasa Hindi Review : पहले नहीं देखी, तो सबसे पहले देखो
“जला दो इसे, फूंक डालो ये दुनिया, मेरे सामने से हटा लो ये दुनिया ” बात Pyaasa की हो रही है।
Pyaasa साल 1957 में रिलीज हुई थी, जिसे एक दो साल पहले बनाया गया होगा। आज छह दशक से भी ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन Pyaasa की रिलेवेंसी कम नहीं हुई है।
पहले कहानी से गुजरते हैं फिर बताएंगे आखिर फिल्म आज तक क्यों रिलेवेंट है और लोगों को क्यों देखनी चाहिए।
कहानी विजय यानी गुरुदत्त साहब की है। जो पेशे से शायर है। उसके शब्दों में तालियों की गड़गड़ाहट तो है लेकिन सिक्कों की खनक नहीं।
परिवार छोड़ चुका है, कॉलेज में पड़ता था एक प्रेमिका थी, वो भी लाचारी के चलते अब छोड़ चुकी है, विजय नज्में लिखता है और उन्हें छपवाने के जुगत लगाता है। पूरी रिव्यू पढ़ें…
Ranneeti Hindi Review : बालाकोट एयर स्ट्राइक पर एक और कहानी
14 फरवरी 2019 को J&K के पुलवामा में आर्मी के काफिले पर आतंकियों ने हमला कर दिया। जिसमें देश ने करीब 4 दर्जन सिपाहियों को गंवा दिया।
देश के शरीर पर ये गहरा जख्म था। सेना ने इसका जवाब दिया बालाकोट में एयर स्ट्राइक से। देश को इससे बदला मिला और बॉलीवुड को मिली नई कहानी।
कुछ फिल्मों के बाद अब इसी एयर स्ट्राइक पर एक वेब सीरीज भी बनी है नाम है Ranneeti. जो Jiocinema पर स्ट्रीम हो रही है। पूरा रिव्यू पढ़ें…