Fateh Hindi Review : इन दिनों थिएटर में चल रही फिल्म मारको को लेकर काफी चर्चा हो रही है। फिल्म खतरनाक ढंग के एक्शन सीन्स को दिखाती है।
लोगों को ऑन स्क्रीन मारने के नए-नए तरीके ईजाद करतीं, एनिमल, किल और मारको जैसे फिल्मों की लिस्ट में शामिल होने की कोशिश करती एक फिल्म ये Sonu Sood की Fateh.
खास बात ये भी है कि इसी फिल्म के साथ सोनू सूद अपने डायरेक्शन जर्नी की भी शुरुआत कर रहे हैं। तो आइए समझते हैं, कैसा रहा डेब्यू।
Fateh Hindi Review : सोनू भी स्पाय एजेंट बन गए
फिल्म की कहानी एक फेक लोन एप के अराउंड चलती है। जो लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर लोन देती है। फिर इसे वसूलने के लिए उन्हें मेंटली टॉर्चर करती है।
फिल्म में सोनू सूद फतेह सिंह का किरदार निभा रहे हैं, जो पहले स्पाई एजेंट के रूप में काम कर चुका है। अब पंजाब में अपने गांव में रह रहा है।
एक दिन अचानक फतेह सिंह के गांव से एक लड़की लापता हो जाती है। फतेह इसकी खोज में निकलता है, जहां उसके तार पहले फेक लोन एप और फिर साइबर क्राइम सिंडिकेट से जुड़ते हैं। जिसका मुखिया रजा यानी (Nasiruddin Shah) हैं। इसके बाद की कहानी वही वायलेंस वाली है।
Fateh Hindi Review : खून खराबा लेकिन कहानी नहीं
फिल्म स्क्रीनप्ले अच्छे ढंग से शुरू होता है लेकिन जितने जल्दी ऊपर जाता है उतने ही जल्दी नीचे भी गिरता है। फिल्म अपने साइबर क्राइम वाले मुद्दे को जल्दी ही भूल जाती है और लार्जर दैन लाइफ वाले कैरेक्टर पर फोकस करने लगती है।
इसके बाद हर थोड़ी सी दूरी पर आपको ब्लड शैड देखने को मिलते रहते हैं। जिसमें किसी के मुंह में ड्रिलिंग की जा रही तो किसी की आंखें निकाली जा रही हैं। फिल्म का क्लाइमेक्स एनिमल से प्रभावित लगता है।
Fateh Hindi Review : डायरेक्टर सोनू सूद का काम कैसा है
सोनू सूद ने डायरेक्शन का काम बढ़िया ढंग से किया है। VFX और एक्शन सीन को डिजाइन करने में उन्होंने मेहनत की है।लेकिन वे राइटिंग वाले पार्ट में चूक गए हैं। फिल्म में स्टोरी के नाम पर कुछ नया नहीं है। एक्शन सीन्स जरूर हाइलाइट करते हैं लेकिन वे पूरी फिल्म को चला सके, इतने काफी नहीं है।
इन सब के बीच एक्टिंग के मामले में सोनू सूद अपना काम बहुत अच्छे से करते हैं। उन्हें पता है फिल्म उन पर डिपेंड करती है इस जिम्मेदारी को वे उठाते हैं। एक्शन सीन्स में वे सही लगे हैं।
Fateh Hindi Review : सपोर्टिंग एक्टर्स के पास ज्यादा कुछ नहीं
वहीं जैकलीन फर्नांडिस ने फिल्म एक एथिकल हैकर का रोल प्ले किया है। हालांकि उनके किरदार के पास कुछ खास करने को नहीं है। वहीं नसीर साहब को बहुत की लिमिटेड स्क्रीनटाइम दिया गया है इसमें भी उनके कैरेक्टर के पास करने को बहुत कुछ ज्यादा नहीं है।
Vijay Raaz का किरदार सोनू सूद के बाद फिल्म के लिए पॉजिटिव बनकर निकला है। उन्होंने नेगेटिव रोल प्ले किया गया। कॉमेडी के अलावा उनको डार्क रोल में देखकर अच्छा लगता है। (Fateh Hindi Review)
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फिल्म में एक और दिलचस्प एंगल जुड़ता है, जो 1985 की फिल्म Kathodu Kathoram से इंस्पायर है। हालांकि, फिल्म का प्लॉट इस संबंध में कुछ नया नहीं पेश करती है। यहां तक कि जब अंत में अपराधी का खुलासा होता है, तो दर्शक पहले से ही अनुमान लगा सकते थे कि क्या होने वाला है। पूरा रिव्यू पढ़ें…