Dhoom Dhaam Hindi Review : एक जोड़ा अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा है, और कुछ लोग उनका पीछा कर रहे हैं। यह हिंदी फिल्मों की सबसे आम कहानियों में से एक है।
अगर कोई फिल्म इस कथानक को लेकर कुछ अलग करना चाहती है, तो उसे या तो पूरी तरह से थ्रिलर बनाना होगा, या फिर कॉमेडी का तड़का देना होगा, या फिर दोनों को मिलाकर कुछ नया परोसना होगा। दुर्भाग्य से, Dhoom Dhaam ऐसा कुछ भी नहीं कर पाती।
Dhoom Dhaam Hindi Review : मैरिज के सेटअप में एक्शन
कोयल (Yami Gautam Dhar) और वीर (Pratik Gandhi) एक अरेंज मैरिज सेटअप के जरिए मिलते हैं। शादी की रात माहौल रोमांटिक होने ही वाला होता है कि तभी दो लोग उनके दरवाजे पर आ धमकते हैं। वे ‘चार्ली’ को ढूंढ रहे होते हैं, जिसे वे वीर के साथ होने का संदेह जताते हैं।
किसी तरह यह जोड़ा उन्हें चकमा देकर वहां से भाग निकलता है। लेकिन आखिर चार्ली है कौन? वीर, जो ऊंचाइयों से डरता है और कई फोबियाओं का शिकार है, उसे किसी चीज को छुपाने का आरोपी क्यों बनाया गया है? इन सवालों के जवाब फिल्म की आगे की कहानी में छिपे हैं।
Dhoom Dhaam Hindi Review : थोड़ी देर के बाद फंसती है कहानी
Rishabh Seth के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म की शुरुआत अच्छी होती है। यामी का एक शांत, सरल लड़की से तेज-तर्रार, गालियां बकने वाली कार रेसर में बदलना मजेदार लगता है।
लेकिन यह प्रभाव ज्यादा देर तक नहीं टिकता। सबसे अटपटी बात तब होती है जब वह भागते-भागते एक लंबा मोनोलॉग देने लगती हैं कि कैसे महिलाओं को एक पितृसत्तात्मक समाज में संघर्ष करना पड़ता है।
अगर इसे अलग सीन के रूप में देखें तो यह अच्छा लिखा गया है, लेकिन इस स्क्रीनप्ले में इसका कोई स्थान नहीं है। जब जान पर बनी हो और हर सेकेंड कीमती हो, तो कोई ऐसा भाषण क्यों देगा?
Dhoom Dhaam Hindi Review : रिपीटेटिव कॉमिक टाइमिंग बोर करती है
यही बात प्रतीक गांधी के किरदार पर भी लागू होती है। उनके फोबिया को मजाकिया बनाने की कोशिश की गई है, और शुरुआत में यह सच में मनोरंजक लगता है। लेकिन फिल्म के अंत तक इसे इतना खींचा जाता है कि दर्शकों को अब इसकी कोई परवाह ही नहीं रहती।
फिल्म की पटकथा की रफ्तार ठीक-ठाक है, लेकिन असली समस्या मनोरंजन की कमी है। कोयल और वीर के भागते हुए आने वाले ट्विस्ट्स को कुछ हद तक रोचक बनाने की कोशिश की गई है, लेकिन कहानी इतनी प्रिडिक्टेबल है कि बड़े खुलासे से पहले ही दर्शक समझ जाते हैं कि क्या होने वाला है।
Dhoom Dhaam Hindi Review : फिल्म की लंबाई पॉजिटिव, एडिटिंग कमजोर
Eijaz Khan को देखना मजेदार है, क्योंकि उनका किरदार खुद भी भ्रमित नजर आता है। Prateik Babbar अपने कैमियो में ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाते, जबकि Mukul Chadda एक पुलिसवाले के रूप में अपनी भूमिका निभा लेते हैं।
फिल्म की अच्छी बात यह है कि यह सिर्फ 1 घंटे 48 मिनट लंबी है, यानी चीजों को ज्यादा खींचा नहीं गया है।
हालांकि, एडिटिंग में थोड़ी और मेहनत की जाती और सस्पेंस को बेहतर तरीके से बनाए रखा जाता, तो फिल्म ज्यादा प्रभावी हो सकती थी। यहां कई रेड हेरिंग डाले गए हैं, लेकिन दुनिया भर में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर शानदार थ्रिलर देख चुके दर्शकों के लिए ये कुछ खास काम नहीं करते।
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फिल्म की शुरुआत 1680 से होती है, जब छत्रपति शिवाजी महाराज का निधन हो जाता है। यह घटना औरंगजेब और उसके दरबारियों के लिए एक राहत की खबर होती है, क्योंकि उन्हें लगता है कि अब वे दक्षिण भारत पर आसानी से कब्जा कर सकते हैं।
लेकिन वे तब चौंक जाते हैं, जब संभाजी बुरहानपुर पर हमला कर वहां की मुगल तिजोरी लूट लेते हैं। यह साहसी कदम एक भीषण युद्ध को जन्म देता है, जिसमें संभाजी अपने साम्राज्य की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हो जाते हैं।
लेकिन इस संघर्ष में उन्हें न केवल बाहरी बल्कि अपने ही परिवार के कुछ सदस्यों की राजनीतिक साजिशों का भी सामना करना पड़ता है। इसके बाद की कहानी विश्वासघात, सम्मान और अडिग संकल्प की है। पूरा रिव्यू पढ़ें…
Bobby Aur Rishi Ki Love Story Hindi Review : कहानी-डायरेक्शन साधारण है, प्लॉट-स्क्रीनप्ले में भी कमियां है
Bobby Aur Rishi Ki Love Story एक लड़के और लड़की की कहानी है। कौशल्या प्रजापति उर्फ बॉबी (कावेरी कपूर) ग्लासगो से कार्डिफ की उड़ान भर रही है। ज्वालामुखी की राख के कारण विमान को हीथ्रो डायवर्ट किया जाता है।
एयरपोर्ट पर, उसकी मुलाकात ऋषि (वरदान पुरी) से होती है। ऋषि बॉबी को देखकर उसकी ओर आकर्षित हो जाता है और रेलवे स्टेशन तक उसका पीछा करता है। बॉबी कैम्ब्रिज जाने वाली ट्रेन में चढ़ती है और ऋषि भी।
बॉबी ऋषि को स्टॉकर होने के लिए टोकती है लेकिन जल्द ही, दोनों बातचीत करने लगते हैं। वे कैम्ब्रिज की सैर करते हैं और एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। लेकिन बॉबी का अभी-अभी बुरा ब्रेकअप हुआ है और वह रिश्ते से डरती है। नतीजतन, दोनों अपनी-अपनी राह चल पड़ते हैं। आगे क्या होता है, यह फिल्म के बाकी हिस्से में दिखाया गया है। पूरा रिव्यू पढ़ें…