Dabba Cartel Hindi Review : डब्बा कार्टेल में एक रोमांचक क्राइम थ्रिलर के सभी एलिमेंट्स मौजूद थे। इसमें फ्रेश स्टोरी, बेहतरीन कास्ट, सस्पेंस और स्ट्रगल सब शामिल हैं।
लेकिन जो एक तेज़-तर्रार, रोमांचक शो होना चाहिए था, वह कमजोर निर्देशन और धीमी गति के कारण अपना प्रभाव खो देता है।
Dabba Cartel Hindi Review : इंटरेस्टिंग कहानी लेकिन स्लो पेस
Dabba Cartel की कहानी दिलचस्प है—एक टिफिन सर्विस चलाने वाली कुछ महिलाएँ अनजाने में एक खतरनाक ड्रग कार्टेल की दुनिया में फंस जाती हैं। इस शो की खासियत यह है कि इसमें महिला किरदारों को सिर्फ शोपीस नहीं बनाया गया, बल्कि वे कहानी का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में रखती हैं।
शुरुआती एपिसोड्स में कहानी सुस्त रहती है और सही तरह से सस्पेंस नहीं बना पाती, जिससे दर्शकों की दिलचस्पी कम हो सकती है। पाँचवें एपिसोड के बाद चीजें रोमांचक होने लगती हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। शो की सबसे बड़ी समस्या यही है कि दांव उतने ऊँचे नहीं लगते जितने होने चाहिए और इसकी रफ्तार एक थ्रिलर के हिसाब से काफी धीमी है।
Dabba Cartel Hindi Review : एक्टिंग और कास्ट जोरदार
शो के कलाकार इसे एक अलग स्तर पर ले जाते हैं। Jyotika ने Varuna के रूप में शानदार अभिनय किया है, जो सशक्त, संवेदनशील और समझदार नजर आती हैं। Shabana Azmi (Sheela) अपनी जबरदस्त स्क्रीन प्रेजेंस से प्रभावित करती हैं, लेकिन उनके किरदार को जितनी गहराई मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिलती।
Nimisha Sajayan (Mala) एक जोशीली और अपनी बेटी के लिए बेहद सुरक्षात्मक महिला के रूप में उभरती हैं। Anjali Anand (Shahida) और Sai Tamhankar (Preeti) की प्रेम कहानी को खूबसूरती से बुना गया है—यह न तो दिखावटी लगती है और न ही ज़रूरत से ज्यादा जबरन डाली गई।
Gajraj Rao (Ajit Pathak) एक प्रभावी अधिकारी की भूमिका निभाते हैं, जो नैतिकता और चालाकी के बीच संतुलन बनाए रखता है। Jisshu Sengupta (Shankar) एक भ्रष्ट, चालाक इंसान के रूप में उभरते हैं, जिनसे नफरत करना आसान है, खासकर अपनी पत्नी Varuna के प्रति उनके दुर्व्यवहार के कारण। Lillete Dubey (Mausumi) और Shabana Azmi (Sheela) की दोस्ती के दृश्य शो के सबसे दिलचस्प और हल्के-फुल्के पलों में से एक हैं।
Dabba Cartel Hindi Review : क्या काम करता है क्या नहीं ?
डब्बा कार्टेल की सबसे बड़ी ताकत इसकी कहानी और लेखन है। यह वेब सीरीज जबरदस्ती के ट्विस्ट और खुलासों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि हर किरदार को बारीकी से गढ़ती है, जिससे सबकुछ स्वाभाविक लगता है। इसकी कहानी न सिर्फ नई है, बल्कि इसे बखूबी पेश भी किया गया है।
अक्सर ड्रग माफिया और अपराध की कहानियों में पुरुष डॉन, ट्रांसजेंडर ड्रग डीलर, और बार में ग्लैमरस कपड़ों में दिखने वाली महिलाओं को दिखाया जाता है। महिला पुलिस अधिकारी भी सच्चाई उजागर करने के लिए अक्सर इसी तरह के किरदारों में दिखती हैं। लेकिन Farhan Akhtar की Excel Entertainment ने इस सोच को पूरी तरह पलट दिया है।
इस शो में पांच महिलाएं पारंपरिक साड़ियों में नजर आती हैं, लेकिन वे ड्रग्स के साथ उसी सहजता से काम करती हैं, जैसे वे अपनी रसोई में टिफिन तैयार करती हैं। दिलचस्प बात यह है कि कोई भी कानून उनका पीछा नहीं कर रहा, क्योंकि अभी तक कोई जानता ही नहीं कि वे क्या कर रही हैं! यही इस कहानी को बाकी अपराध थ्रिलर्स से अलग और दिलचस्प बनाता है।
Dabba Cartel Hindi Review : देखें या नहीं?
अंतिम एपिसोड में Bhoumik Bose की एंट्री कहानी में एक नया मोड़ लाती है। Chacko के रूप में उनका खुलासा एक बेहतरीन सिनेमैटिक पल होता है, जो थिएटर में होता तो तालियाँ जरूर बटोरता। लेकिन तब तक कहानी इतनी देर से गति पकड़ती है कि दर्शकों की रुचि पहले ही कमजोर हो चुकी होती है।
कुल मिलाकर, Dabba Cartel में एक बेहतरीन शो बनने की पूरी क्षमता थी, लेकिन कमजोर निर्देशन और असंगत कहानी कहने के कारण यह निराश कर जाता है। इसके शानदार कलाकार और कुछ बेहतरीन दृश्य इसे देखने लायक बनाते हैं, लेकिन एक रोमांचक और तेज़ रफ्तार क्राइम ड्रामा बनने में यह चूक जाता है। (Dabba Cartel Hindi Review)
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