Citadel Honey Bunny Hindi Review : सिटाडेल का मतलब होता अपना गढ़ या किला। ऐसी जगह जिसे दुश्मन आसानी से भेद नहीं सकता। 

सिटाडेल और सिनेमा आपस में पहली 2023 में जुड़ा जब हॉलीवुड के मशहूर फिल्ममेकर रूसो ब्रदर्स ने इसी नाम से एक सीरीज बनाई। हिंदी दर्शकों तक इसकी खबर एक्टर Priyanka Chopra Jonas के कारण पहुंची। क्योंकि उन्होंने इसमें एजेंट का किरदार निभाया था। 

रूसो ब्रदर्स ने सिटाडेल को ग्लोबल स्पायवर्स बनाने चाहते थे इसलिए फिल्म उन्होंने Citadel Diana नाम से एक इटालियन सीरीज बनाई। अब Citadel Honey Bunny बनाई है जो स्पायवर्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है। 

Citadel Honey Bunny Hindi Review : 1992 से लेकर 2000 तक

सीरीज की कहानी हनी और उसकी बेटी नाडिया से शुरू होती है, जो साल 2000 के नैनीताल में सुकून की जिंदगी जी रहे हैं। लेकिन सीरीज 10 मिनट भी पुरानी नहीं होती कि उनकी जान पर खतरा मंडराने लगता है। 

कुछ मिनटों में कहानी 1992 में पहुंच जाती है। जहां हनी स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस के रूप में काम कर रही हैं। यहीं उनकी मुलाकात बनी से होती है जो स्टंटमैन के तौर पर काम कर रहा है। 

Citadel Honey Bunny Hindi Review

लेकिन बनी एक एजेंसी के लिए स्पाय के तौर पर भी काम करता है। जिसमें चाको, लुडो, केडी जैसे साथी और बाबा जैसा मास्टरमाइंड है, जो एजेंसी को चलाता है। हनी-बनी की मुलाकात होती है और हनी भी एजेंट बन जाती है। 

अच्छी खासी एजेंसी में लड़की की एंट्री होती है, और अपना हीरो बॉस की बजाय लड़की की बातों में बहक जाता है और पूरी टीम बिखर जाती है। लेकिन बदला रह जाता है। 

यही बदला आठ साल बाद आगे हनी और उसकी बेटी को परेशान कर रहा है। क्या बनी उसे बचा पाएगा। यह जवाब छह एपिसोड और पांच घंटे की सीरीज देती है। 

Citadel Honey Bunny Hindi Review : घूम-फिर कर वहीं आ गए

Citadel Honey Bunny के पास कुछ गिने-चुने एलिमेंट्स हैं। इनमें फैमिली-इमोशन-लव स्टोरी, चेजिंग सीक्वेंस, फ्लैशबैक, फाइट-शूटिंग और प्लानिंग शामिल है। कहानी घुमा फिराकर इन्हें ही दिखाती रहती है। 

सीरीज का पहला एपिसोड तसल्ली से टाइम लेकर अपने किरदारों को गढ़ता है। फिर एक बार जब कहानी शुरू हो जाती है तो तेज रफ्तार में आगे बढ़ती है। हालांकि इमोशनल सीन्स कुछ जगह पर स्लो जरूर पड़ते हैं। 

Citadel Honey Bunny Hindi Review : कहानी मिली-जुली है

कहानी हमें ठहरकर कहीं भी नहीं बताती कि कौन हीरो है और कौन विलेन। ये एजेंसी-एजेंसी का खेल क्या है। आखिर ये एजेंट चाहते क्या हैं। ऐसे में टॉपिक सिंघम अगेन पसंद करने वाली ऑडियंस के लिए थोड़ा हार्ड हो सकता है। 

इसके बाद भी कहानी काफी प्रिडिक्टेबल कहानी है। क्योंकि कुल मिलाकर आखिरी में ये सब फैमिली के अराउंड स्टिक हो जाता है और जिस तरीके से सीरीज खत्म होती है दर्शकों को थोड़ी सी निराशा जरूर हाथ लगती है। 

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Citadel Honey Bunny Hindi Review : सिटाडेल की कहानी का प्रीक्वल

जो सिटाडेल स्पायवर्स को जानते हैं उन्हें पता होगा कि ये सीरीज यूनिवर्स में प्रीक्वल की तरह लाए गई है। ऐसे में इसे कई चीजों को, किरदारों के लिए जमीन तैयार करनी हैं, उन्हें इंट्रोड्यूस करवाया है। इसी उधेड़बुन में कहानी फंस जाती है। 

हालांकि इसके बावजूद भी राज एंड डीके थ्रिल पैदा करने में कामयाब रहे हैं। उन्हें गोलियों की तड़तड़ाहट और गाड़ियों की भागम भाग का सहारा ढंग से लिया है। चेजिंग सीक्वेंस बोरिंग कतई नहीं हैं। 

एक्शन कोरियोग्राफी स्टैंडआउट करने वाली तो नहीं है लेकिन फिजिक्स से खिलवाड़ भी नहीं करती। क्लाइमेक्स सीन वाला जूम इन और मूविंग कैमरा फ्रेम जोरदार लगा है। 

लोकेशन और 90 रिक्रिएशन पर भी चर्चा की जा सकती है। क्लाइमेक्स के लिए चुनी गई हवेली भी अच्छी लगी है। हालांकि किरदारों के हुलिया में 8 साल के हिसाब से खास अंतर नहीं है। 

Citadel Honey Bunny Hindi Review : मां-बेटी की जोड़ी एक्स फैक्टर

एक्टिंग की बात करें तो Varun Dhawan के पास कुछ अलग करने का मौका था लेकिन अलग देखने कुछ मिला नहीं है। Shivkant Parihar और Soham Majumdar ने उनका साथ बढ़िया ढंग से दिया है। 

बिना किसी डाउट के वरुण से ज्यादा स्क्रीन टाइम Samantha को मिला है। जिसका उन्होंने यूज भी बढ़िया ढंग से किया है। वे बोल्ड और एक्शन मोड दोनों पर खरी उतरीं हैं। 

Citadel Honey Bunny Hindi Review

Kashvi Majumdar ने नाडिया के किरदार में शानदार काम किया है। उनकी और सामंथा की जुगलबंदी सीरीज का एक्स फैक्टर है। 

Kay Kay Menon को स्पाई स्टोरी का स्थाई हिस्सा बना दिया चाहिए। हालांकि अभी उनके सत्या के किरदार को और एक्सप्लोर किया जाना बाकी है। Saqib Saleem और Sikandar Kher के पास ज्यादा कुछ करने को है नहीं। 

कुल मिलाकर सीरीज स्पाई थ्रिलर के बैच के साथ इमोशन और फैमिली ड्रामा है, लेकिन इसमें राज एंड डीके वाले कॉमिक और लाइट मोड की कमी लगती है।

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Khwaabon Ka Jhamela Hindi Review : बोल्ड टॉपिक; ट्रीटमेंट कमजोर

Khwaabon Ka Jhamela Hindi Review

फिल्म की कहानी जुबिन यानी Prateik Babbar से शुरू होती है। जो पारसी फैमिली से आता है और नपी-तुली और बोरिंग जिंदगी जीता है। जुबिन की बोरिंग लाइफ को देखते हुए उसकी मंगेतर शहनाज यानी Kubra Sait उसे छोड़कर चली जाती है।

इससे उबरने के लिए जुबिन लंदन की सोलो ट्रिप पर जाता है, जहां उसकी मुलाकात रूबी यानी Sayani Gupta से होती है, जो फिल्म इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर है।

जुबिन, रुबी फाइनेंस मैनेज करने में मदद करते हैं, वहीं रुबी उसे सेक्सुअली और इमोशनली हेल्प करती हैं। दोनों के साथ फिल्म खुद को खोजने की जर्नी ट्रेवल करती है। पूरी खबर पढ़ें…

Vijay 69 Hindi Review : अनुपम खेर की इमोशनल एक्टिंग भी फिल्म को नहीं बचा पाई

Vijay 69 Hindi Review

फिल्म की कहानी 69 साल के विजय मैथ्यू पर बेस्ड है। फिल्म की शुरुआत उसकी पत्नी के अंतिम संस्कार से होती है। जिसकी कैंसर से मौत हो चुकी है। वह पत्नी को वादा करता है कि उसके जाने के बाद वो अपनी लाइफ रोकेगा नहीं।

अब उसे मरने से पहले एक ऐसी अचीवमेंट हासिल करनी है, जिसके चलते मरने के बाद दोस्त उसे याद रख सकें। इसलिए विजय ट्रायथलन यानी 1.5 किलोमीटर तैराकी, 40 किलोमीटर साइकिलिंग और 10 किलोमीटर रनिंग में हिस्सा लेता है। अगर विजय इस ट्रायल थन को पार कर लेगा तो इसे जीतने वाला सबसे उम्रदराज शख्स बनेगा। पूरा रिव्यू पढ़ें…

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