Black Warrant Hindi Review : सवाल : बचपन कैसा था ? जवाब : बहुत छोटा था, कम उम्र में ही कमाना शुरू कर दिया था… संवाद नेटफ्लिक्स की सीरीज से Black Warrant का है।
भारत के सबसे बड़े जेल तिहाड़ में जेलर रहे Sunil Kumar Gupta ने जर्नलिस्ट Sunetra Choudhury के साथ मिलकर किताब लिखी थी। जिसका नाम Black Warrant: Confessions of a Tihar Jailer है।
इस पर ही जाने-माने फिल्मकार Vikramaditya Motwane ने Black Warrant नाम की सीरीज बनाई है।
Black Warrant Hindi Review : टुकड़ो-टुकड़ों में कहानी सुनिए
पहले सीरीज की कहानी पर आते हैं। सीरीज 7 एपिसोड में बंटी हुई है। पहला एपिसोड किरदारों से इंट्रो करवाता है और जेल सेटअप में घुसने में मदद करता है।
दूसरे एपिसोड का फोकस कुख्यात अपराधी रंगा-बिल्ला की फांसी की तरफ है। तीसरे एपिसोड में ध्यान जेएनयू स्टूडेंट की कैद उनके जेल तोड़ भागने की तरफ जाता है।
सीरीज का मिड यानी चौथा एपिसोड किरदारों को उनकी लव एंगल्स और पर्सनल लाइफ को एक्सप्लोर करने और जेल के अंदर चल रहे गैंगवॉर को दिखाने में बीतता है।
पांचवां एपिसोड जेल व्यवस्था में सुधार की बात करता है, वहीं छठवां एपिसोड रिवेंज और षड्यंत्र दिखाकर, सातवें एपिसोड यानी क्लाइमेक्स के लिए जमीन तैयार करता है।
Black Warrant Hindi Review : शो बस दिखाता है, सस्पेंस नहीं बनाता
कहानी से मोटा-मोटा समझ आ गया होगा, सीरीज किसी एक कहानी पर फोकस नहीं करती। बल्कि पूरी तरह से जेलर साहब के अनुभवों को दिखाने में भरोसा रखती है। सीरीज के पास कोई तगड़ा क्लाइमेक्स नहीं, न ही सीरीज उसकी तरफ तेजी बढ़ रही है या उसके लिए डॉट्स जोड़ने का काम कर रही है।
सीरीज का हर एपिसोड किताब के नए चैप्टर की तरह बर्ताव करता है, जो इसके किताब पर बेस्ड होने की बात को पुख्ता करता है, सीरीज इसमें फिल्मी प्रयोग करने से बचती है। पिछले दिनों Freedom at Midnight सीरीज आई थी, ये भी किताब पर बेस्ड थी। Freedom at Midnight हमेशा से पार्टिशन को अपना टारगेट बनाकर चली थी, उसी तरीके से चीजों को आगे-पीछे किया गया था, चंक्स क्रिएट किए गए थे।
जबकि Black Warrant के साथ ऐसा नहीं है, यही कारण हो सकता है कि हर एपिसोड में आपको फिर से कनेक्ट बैठाना पड़ता है। इस चक्कर में कहानी थोड़ी सी स्लो हो जाती है। (Black Warrant Hindi Review)
Black Warrant Hindi Review : किरदारों की खास ढंग से बिल्ड मिला है
शो का स्लो पेस हमें इसके किरदारों से ठीक ढंग से अटैच होने का मौका देता है। पहले बात Zahan Kapoor यानी सुनील गुप्ता के किरदार की। उनके किरदार के कोई स्टैबिलिटी नहीं दी गई। पूरी कहानी के दौरान उनका किरदार मेकिंग में ही है।
ऐसे समझिए पहली फांसी के वक्त सुनील एकदम घबरा जाता है, उल्टियां तक कर देता है। जबकि दूसरी फांसी के दौरान वो थोड़ा सा कम्फर्ट दिखता है। लेकिन जब तीसरी और चौथी फांसी कहानी में आती है, तब सुनील का रिएक्शन हार्ड होता चला जाता है।
दूसरी तरफ दहिया का किरदार एकदम ठेठ है, उसे एक तरह का काम दिया गया जो वह अच्छे से निभाता है। मंगट इन दोनों का कॉम्बो है, कभी सॉफ्ट तो कभी हार्ड। मतलब कैरेक्टर डेवलप करने में मेकर्स के पास एक साफ क्लियरिटी है।
Black Warrant Hindi Review : ट्रांजिशन और स्टोरीटेलिंग में एनर्जी है
हर एपिसोड के राइटर और डायरेक्टर अलग-अलग है। ऐसे हर एपिसोड की एनर्जी अलग नजर आती है। डिफरेंट सीक्वेंस को जोड़ने के लिए ट्रांजिशन देने का काम भी बढ़िया ढंग से किया गया है। मतलब कहानी जब एक जगह से दूसरी जगह मूव करती है तो अटपटा नहीं लगता।
इन्हीं ट्रांजिशन के साथ कहानी अपने लव स्टोरी वाले सब प्लॉट्स और जेल के बाहर घट रही घटनाओं जैसे 83 का वर्ल्ड कप, 80 के दौर का अस्थायी पंजाब और इंदिरा गांधी की हत्या जैसी चीजों को बेहतर ढंग से जोड़ती है।
शो जेल में बेस्ड है तो जेल के सेटअप पर बात होनी चाहिए। जेल के अंदर की दुनिया को इतने अच्छे से इससे पहले या तो क्रिमिनल जस्टिस में देखा था या अब देखा है। Black Warrant जेल के अंदर के जीवन पर बहुत ज्यादा फोकस और रिलाय करती है।
Black Warrant Hindi Review : जहान टॉपर हैं, बाकी सब भी जोरदार
एक्टिंग पर आते हैं, Zahan Kapoor को आप स्टारकिड कहे या जो मर्जी कहें। किरदार उनकी एक्टिंग की हर लेयर को छूने का मौका देता है।
जहान के बाद Rahul Bhat ने अपना Aura बहुत बेहतरीन ढंग से क्रिएट किया है। वे ग्रे शेड कैरक्टर में हैं और उनसे जुड़ने का मौका मिलता है। Paramvir Singh Cheema मंगट के किरदार में दर्शकों की सिम्पथी बटोरने में कामयाब रहे हैं।
वहीं Anurag Thakur का दहिया का किरदार मेरा फेवरेट है। उनका किरदार एकदम रियल लगता है। गाली देने का तरीका और बॉडी लैंग्वेज सब कुछ एकदम Raw हैं। Siddhant Gupta ने भी अपने छोटे से स्क्रीन टाइम में परफेक्ट काम किया है।
कुल मिलाकर विक्रमादित्य मोटवाने और नेटफ्लिक्स की छाप वाले इसे शो को देखना तो चाहिए ही। क्योंकि कुछ नया देखने का मौका बहुत दिन बाद ओटीटी पर मिल रहा है।
ये आर्टिकल्स भी पढ़ें…
Game Changer Hindi Review : अपन्ना के किरदार में छाप छोड़ गए राम चरण, टेक्निकल पॉइंट और डायरेक्शन भी ठीक हैं
कहानी IAS राम नंदन (Ram Charan) से शुरू होती है। जो सभी गैर कानूनी कामों पर लगाम कसने की तैयारी में है। इसमें सीएम के बेटे मोपिदेवी (SJ Suryah) पर भी कार्रवाई होती है।
सीएम सत्यमूर्ति (Srikanth) भी राम नंदन का साथ देते हैं। इसी बीच साजिश के तहत सीएम की मौत हो जाती है, और वे अपने बाद राम नंदन को सीएम बनाने की बात कह जाते हैं।
अब कहानी में कहानी राम नंदन और मोपिदेवी के बीच सत्ता के संघर्ष सामने आते हैं। साथ ही राम नंदन के पिता, अप्पन्ना (Ram Charan) की फ्लैशबैक स्टोरी भी सामने आती हैं। पूरा रिव्यू पढ़ें…
Match Fixing Hindi Review : बड़ी साजिशों को क्रैक करने की कोशिश लेकिन एग्जीक्यूशन की चूक भारी पड़ गई
कहानी 2007 और उसके बाद की घटनाओं पर आधारित है। जब तत्कालीन सरकार मुस्लिम मतदाताओं को खुश करने के लिए समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में हुए बम विस्फोट के आरोप हिंदुओं पर लगाती है।
वहीं पाकिस्तान में भारत में और अधिक आतंक फैलाने की योजना बनाई जा रही है। भारत में कुछ मंत्री और शीर्ष अधिकारी पाकिस्तान के साथ मिलकर भगवा आतंक की कहानी बुन रहे हैं ताकि भारत में विपक्षी पार्टी की बढ़ती पॉपुलैरिटी को रोका जा सके।
कहानी का केंद्र कर्नल अविनाश पटवर्धन (विनीत कुमार) है, एक सम्मानित अधिकारी जो भारत भर में विभिन्न आतंकवादी हमलों और बम विस्फोटों के बीच कनेक्शन की खोज करता है। हालांकि, जब उसकी जांच एक बड़े साजिश का हिस्सा बन जाती है। पूरा रिव्यू पढ़ें…
Fateh Hindi Review : मुद्दे से भटक जाती सोनू सूद की फिल्म, राइटिंग बेहतर हो सकती थी
फिल्म की कहानी एक फेक लोन एप के अराउंड चलती है। जो लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर लोन देती है। फिर इसे वसूलने के लिए उन्हें मेंटली टॉर्चर करती है।
फिल्म में सोनू सूद फतेह सिंह का किरदार निभा रहे हैं, जो पहले स्पाई एजेंट के रूप में काम कर चुका है। अब पंजाब में अपने गांव में रह रहा है।
एक दिन अचानक फतेह सिंह के गांव से एक लड़की लापता हो जाती है। फतेह इसकी खोज में निकलता है, जहां उसके तार पहले फेक लोन एप और फिर साइबर क्राइम सिंडिकेट से जुड़ते हैं। जिसका मुखिया रजा यानी (Nasiruddin Shah) हैं। इसके बाद की कहानी वही वायलेंस वाली है। पूरा रिव्यू पढ़ें…