Bada Naam Karenge Hindi Review : 90 के दशक में फैमिला ड्रामा के लिए मशहूर राजश्री प्रोडक्शन अब ओटीटी की दुनिया में भी कदम रख चुका है।
हाल ही में सोनी लिव Bada Naam Karenge नाम की वेब सीरीज आई है। सीरीज को Palash Vaswani ने डायरेक्ट किया है। सीरीज में Ritik Ghanshani, Ayesha Kaduskar, Kanwaljit Singh, Alka Amin, Jameel Khan, Deepika Amin, Rajesh Tailang, Anjana Sukhani, Chaitrali Gupte, Gyanendra Tripathi जैसे एक्टर्स नजर आ रहे हैं।
Bada Naam Karenge Hindi Review : नई उम्र के जोड़े की कहानी
सीरीज की कहानी रिषभ (ऋतिक घनशानी) और सुरभि (आयशा कदमकर) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो शुरुआत में एक-दूसरे को बिल्कुल पसंद नहीं करते, लेकिन वक्त के साथ उनके बीच प्यार पनपने लगता है। कहानी दो समय-रेखाओं में चलती है – एक मार्च 2020 के लॉकडाउन की अफरातफरी के दौरान और दूसरी वर्तमान समय में।
पहली टाइमलाइन में, रिषभ, जो मुंबई में एमबीए का छात्र है, अपने घर पर एक पार्टी रखता है, जो अचानक लॉकडाउन में बदल जाती है। हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि रिषभ और सुरभि को कुछ दिनों तक एक ही छत के नीचे रहना पड़ता है। पहले अनकम्फर्ट, फिर अनकहे जज्बात और फिर धीरे-धीरे पनपता प्यार से ये सफर बेहद दिलचस्प बन जाता है।
तेजी से आगे बढ़ते हैं वर्तमान समय में, जहाँ रिषभ अनमने मन से एक अरेंज मैरिज मीटिंग के लिए बैठता है, और वहाँ जो लड़की आती है, वह कोई और नहीं बल्कि सुरभि होती है! दोनों शादी करना चाहते हैं लेकिन अपने लॉकडाउन वाले अतीत को राज रखना चाहते हैं, क्योंकि रिषभ का परिवार बहुत ही पारंपरिक सोच का है। वहीं, सुरभि का परिवार खुले विचारों का है। इसके बाद शुरू होती है गलतफहमियों, इमोशनल मोमेंट्स और पारिवारिक ड्रामे की एक ऐसी जर्नी, जो आपको मुस्कुराने और शायद कुछ आंसू बहाने पर भी मजबूर कर देगी।
Bada Naam Karenge Hindi Review : लीड पेयर की केमेस्ट्री देखने लायक
ऋतिक घनशानी, अपने डेब्यू रोल में, रिषभ के किरदार को बखूबी निभाते हैं। वहीं, आयशा कदमकर ने सुरभि के किरदार में जान डाल दी है। उनकी केमिस्ट्री बिल्कुल जादुई लगती है। यह वही प्यार है, जो आजकल कम ही देखने को मिलता है।
नौ एपिसोड में सिर्फ एक किसिंग सीन है, लेकिन जब इशारों और नजरों से प्यार बयां हो सकता है, तो इससे ज्यादा की जरूरत भी नहीं है।
Bada Naam Karenge Hindi Review : सपोर्टिंग कास्ट का काम बढ़िया है
सपोर्टिंग कास्ट भी इस शो को ऊंचाइयों तक ले जाती है। कंवलजीत सिंह, अल्का अमीन, और राजेश जैस अपने किरदारों को जिस सहजता से निभाते हैं, वह परिवार की गर्माहट को महसूस कराता है। लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावशाली हैं राजेश तैलंग, जो कहानी में सही मात्रा में टेंशन जोड़ते हैं।
‘गुल्लक’ फेम जामील खान अपने पिता के किरदार में फिर से वही अपनापन और कोमलता लेकर आए हैं, जिसके लिए उन्हें दर्शकों का खूब प्यार मिलता है। साथ ही, अंजना सुखानी को भी लंबे समय बाद देखना अच्छा लगता है।
Bada Naam Karenge Hindi Review : राजश्री प्रोडक्शन क्यों बढ़िया है
राजश्री प्रोडक्शन्स की खासियत रही है कि वे कहानियों को धीरे-धीरे उभरने देते हैं, और यही इस शो में भी देखने को मिलता है। यहाँ ना तो जरूरत से ज्यादा ड्रामा है, ना जबरदस्ती की कॉमेडी।
बस कुछ खूबसूरत पल हैं, जो आपको पुराने समय की याद दिलाते हैं। शो में न तो बोल्ड कंटेंट है, न हिंसा और न ही किसी तरह की भद्दी बातें। यह पूरी तरह पारिवारिक शो है, जहाँ रिश्तों की अहमियत सबसे ऊपर रखी गई है।
Bada Naam Karenge Hindi Review : इमोशनल डेप्थ मजबूत है
आखिरी एपिसोड, जो लगभग एक घंटे लंबा है, एक छोटी फिल्म की तरह लगता है और इतनी भावनात्मक गहराई लिए हुए है कि आपको रूमाल निकालने की जरूरत पड़ सकती है। यह वही संतोषजनक अंत है, जो एक ऐसी कहानी दे सकती है, जो परिवार और संस्कारों की जड़ों में बसती हो।
बड़ा नाम करेंगे यह साबित करता है कि शोभा राजश्री और सूरज बड़जात्या की विरासत डिजिटल युग में भी पूरी तरह प्रासंगिक है। निर्देशक पलाश वासवानी (गुल्लक फेम) ने बड़ी खूबसूरती से इस शो को संवारा है, जहाँ पुराने जमाने की मासूमियत और आज के दौर की प्रगतिशील सोच का खूबसूरत मेल देखने को मिलता है।
शो का संदेश भी बहुत गहरा है – पितृसत्ता परिवार की सेहत के लिए सही नहीं है, सम्मान कमाना पड़ता है, बुजुर्गों को प्यार और डर में फर्क समझना चाहिए, नई पीढ़ी को भी सुना जाना चाहिए।
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