Amjad Khan Birth Anniversary : फिल्म शोले में गब्बर का रोल तो सभी को याद होगा। इस किरदार को स्क्रीन पर एक्टर Amjad Khan ने उतारा था।
लेकिन इस किरदार के लिए उन्हें काफी मेहनत काफी सारे पापड़ बेलने पड़े थे, साथ ही वे इस किरदार के लिए पहली पसंद भी नहीं थे। आज 12 नवंबर 1940 को जन्मे अमजद खान के बारे में कुछ अनसुने किस्से।
Amjad Khan के पिता स्ट्रगल के दौर में खिलौने बनाते थे
Amjad Khan का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। उनका परिवार पार्टिशन से पहले ही भारत आ गया था। उनके बड़े पापा अलवर रियासत में पोलो के कोच थे।
लेकिन अमजद खान के पिता फिल्मों में काम करना चाहते थे इसलिए वे मुंबई आ गए। लेकिन उन्हें शुरुआत के कुछ सालों में काम नहीं मिला। इस दौरान में लकड़ी के खिलौने बनाते थे।
जब Amjad Khan ने स्कूल में टीचर को पीट दिया
अमजद की पढ़ाई मुंबई में हुई पूरी हुई थी। वे आठवीं तक बांद्रा के सेंट एंड्रयू स्कूल में पढ़े। इस दौरान एक दिन उनकी टीचर से बहस हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि अमजद ने क्लास रूम में ही टीचर को पीट दिया। इसके बाद उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया।
अगले दो साल तक किसी और स्कूल में पढ़ने के बाद उन्हें नेशनल कॉलेज में दाखिला मिल गया। जहां उन्होंने थियेटर करना शुरू किया। यहां उनका काम अच्छा था लेकिन झगड़े की वजह से उन्हें ये जगह भी छोड़नी पड़ी। हालांकि बाद में उन्हें वापस बुला लिया गया।
डैनी की रिप्लेसमेंट बने Amjad Khan
जिस दौर में अमजद खान थियेटर कर रहे थे इसी दौर में रमेश सिप्पी और सलीम जावेद फिल्म शोले पर काम कर रहे थे। फिल्म में गब्बर के किरदार के लिए उन्हें एक्टर की तलाश थी।
मेकर्स ने पहले फिल्म डैनी को ऑफर की। लेकिन डैनी ने फिल्म के लिए मना कर दिया। कुछ और एक्टर पर भी बात चली लेकिन कोई फाइनल नहीं हुआ।
आखिर में सलीम-जावेद ने अमजद खान को ट्राय करने की सलाह दी। दरअसल एक प्ले के दौरान सलीम-जावेद की नजर अमजद खान पर पड़ी थी। रमेश सिप्पी को अमजद खान जम गए। ऐसे में सलीम-जावेद की मदद से उन्हें गब्बर का रोल मिल गया। खास ये थी कि जिस दिन उन्हें फिल्म ऑफर हुई उसी दिन उनके बेटे शादाब का भी जन्म हुआ।
फिर क्यों साथ नहीं आए Amjad Khan और सलीम-जावेद
शोले की शूटिंग के दौर में अमजद के पिता जयंत कैंसर से जूझ रहे थे। उनका बेटा भी काफी छोटा था। ऐसे में अमजद को गब्बर के किरदार की लय पकड़ने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा था। कई प्रयासों के बाद में सही शॉट नहीं दे पा रहे थे।
ऐसे में यूनिट में अमजद को फिल्म से निकालने की चर्चा होने लगी। सलीम-जावेद भी अमजद के खिलाफ थे। लेकिन रमेश सिप्पी ने उन्हें बैक किया। लेकिन अमजद इसके बाद से सलीम जावेद से नाराज हो गए और फिर कभी उनके साथ काम नहीं किया।
Amjad Khan को एड मिला, बिस्कुट की बिक्री डबल हो गई
गब्बर ने अमजद खान को घर-घर में मशहूर कर दिया। लोगों ने इसे काफी पसंद किया। इसी का फायदा उठाते हुए बिस्कुट कंपनी ब्रिटानिया ने उन्हें में लिया। इससे कंपनी की बिक्री दोगुनी हो गई।
साथ ही अमजद पहले एक्टर थे उन्होंने विलेन का किरदार निभाने के बाद एड में काम किया। बता दें कि गब्बर का रोल असली किरदार से प्रेरित था।
मध्यप्रदेश के बीहड़ में गब्बर या गबरा नाम का असली डाकू था। जो नाक काटने के लिए मशहूर था। सलीम खान के पिता पुलिस में थे, उन्होंने गब्बर की कहानी अपने पिता से सुनी थी। फिर इस किरदार को उन्होंने फिल्म शोले में रिक्रिएट किया था।
भयानक एक्सीडेंट हुआ, अमिताभ साथ खड़े रहे
अमजद खान 1976 में फिल्म द ग्रेट गैम्बलर की शूटिंग के लिए मुंबई से गोवा जा रहे थे। अमजद खुद कार ड्राइव कर रहे थे। कार का भयानक एक्सीडेंट हो गया, लोगों की मदद से गोवा के एक अस्पताल में भर्ती कराया। अमिताभ बच्चन खबर मिलते ही गोवा पहुंचे।
अमजद की हालात कोमा जैसी थी। इमरजेंसी में सर्जरी की जानी थी। सर्जरी के लिए डॉक्यूमेंट साइन करना था, तब अमिताभ बच्चन आगे और उन्होंने न सिर्फ साइन किये बल्कि अमजद खान को अमिताभ ने खून भी दिया। ऑपरेशन 12 घंटे चला और इस दौरान अमिताभ हॉस्पिटल की बेंच पर बैठे रहे।
27 जुलाई 1992 को 51 साल की उम्र में अमजद खान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। अमिताभ और अमजद आखिरी वक्त तक अच्छे दोस्त रहे।
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