Dil Dosti Dilemma Review : बदलकर अपनाने को अपनाना नहीं कहते… डायलॉग Prime Video की नई वेब सीरीज Dil Dosti Dilemma से है।
साल 2016 में पेंगुइन पब्लिकेशन से एक किताब Asmara’s Summer पब्लिश हुई थी जिसे Andaleeb Wajid ने लिखा था। वेब सीरीज Dil Dosti Dilemma इसी किताब पर बेस्ड है।
Dil Dosti Dilemma Review
फिल्म की कहानी असमारा नाम की यंग एज लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है। असमारा हाई क्लास सोसाइटी की मॉर्डन लड़की है, जो सोशल मीडिया और शो ऑफ में यकीन रखती है।
इसी शो ऑफ के चक्कर में असमारा दोस्तों के बीच अपनी “नॉट सो हाई क्लास नानी” को पहचानने से इंकार कर देती है। जब बात असमारा के पेरेंट्स को पता चलती है तो इसकी सजा के तौर पर उसे पूरा समर अपनी नानी के मिडिल क्लास वाले घर में बिताने को कहा जाता है।
असमारा नानी के घर पहुंचती है, इसके बाद शुरु होती मॉर्डन और थोड़ी सी कम मॉर्डन सोच के बीच जंग। कौन किसको को बदल पाएगा कहानी का अंत इस पर डिपेंड करता है। मैन प्लॉट के अलावा कहानी में असमारा के दोस्त, लव एंगल, नाना और अर्बनाइेजेशन, फ्लैशबैक जैसे सब प्लॉट्स भी हैं।
Dil Dosti Dilemma Review
Dil Dosti Dilemma की शुरुआत हर हफ्ते अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाले टीनएजर ड्रामा जैसी है। लेकिन 10-15 मिनट के बाद मिजाज बदलता है और कुछ इंटरेस्टिंग और कनेक्टिंग पॉइंट मिलने लगते है।
Dil Dosti Dilemma का सबसे बड़ा स्ट्रगल पॉइंट है नई और पुरानी पीढ़ी की सोच की लड़ाई। असमारा छोटे कपड़े पहनती है जबकि उसकी नानी के हिसाब से पूरा शरीर ढकने लायक कपड़े पहनना जरूरी है।
आप कहेंगे ये तो लंबे समय से देखते आ रहे हैं लेकिन यहां नया ये है कि आप नये हैं तो बेहतर हो सकते हैं लेकिन कोई पुराना है तो जरूरी नहीं वह गलत ही हो। कपड़ों के अलावा रहन-सहन सोशल कनेक्ट जैसे कई और पॉइंट हैं जो दोनों कैरेक्टर के बीच कॉन्फ्लिक्ट पैदा करते हैं।
Dil Dosti Dilemma Review
Dil Dosti Dilemma को Debbie Rao ने डायरेक्ट किया है। इससे पहले वे 2017 में आई Pushpavalli जैसी सीरीज बना चुकी हैं। हाई क्लास सोसाइटी से तो नहीं लेकिन उनके मिडिल क्लास वाले यूनिवर्स से ऑडियंस आसानी कनेक्ट कर जाती है।
स्क्रीनप्ले सही है, कुछ हिस्सों में कहानी बोरिंग होती है लेकिन हर एपिसोड के एंड में आने वाले ट्विस्ट दर्शकों को जोड़कर रखते हैं।
Dil Dosti Dilemma में एक नहीं बल्कि 2-3 लव स्टोरी एक साथ चलती हैं। सभी को अच्छा खासा स्पेस भी दिया गया है और बढ़िया बात ये है कि सभी लव एंगल्स एक जैसे नहीं लगते हैं।
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औरत, औरत को पीछे खींचती है। सीरीज इस नैरेटिव को असमारा, अख्तर बेगम और रुखसाना के सहारे दिखाती है। असमारा और उसका फ्रेंड सर्कल इस बात की गवाही देता है जो दोस्त सोशल मीडिया पर करीब होते हैं वे रियल लाइफ में उतने ही दूर होते हैं।
जब बात परिवार की हो रही है तो सीरीज कुछ देर के लिए रिलेशन्स के असल मायनों पर भी बात करती है। वहीं असमारा के नाना वाले एंगल से कॉर्पोरेट वर्ल्ड की तरफ बढ़ रहे शहरों, पानी और ग्लोबल वार्मिंग जैसे समस्याओं को भी एड्रेस किया जाता है।
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Dil Dosti Dilemma ने रियल लाइफ से जुड़ने की कोशिश की है लेकिन सीरीज का वर्ल्ड इससे लगातार मनाही कर रहा है। सीरीज इतनी सरल नहीं है कि प्राइम वीडियो का मिर्जापुर देखने वाला दर्शक इससे कनेक्ट कर पाए।
फिल्म की एक और कमी इसके किरदारों की भरमार है। कब कौन आ रहा है, क्या कर रहा है इससे तालमेल बिठाना सिरदर्द है। अगर मेकर्स चाहते तो किरदार थोड़ा कम करके सीरीज की लंबाई को भी ट्रिम कर सकते थे।
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किरदारों की बात हुई है तो एक्टिंग पर भी बात कर लेते हैं। बात पहले यंग एक्टर्स की। Anushka Sen सीरीज की लीड एक्ट्रेस हैं उन्होंने इस भूमिका बखूबी निभाया है। उनकी तिकड़ी में शामिल Elisha Mayor तो ठीक हैं लेकिन Revathi Pillai का कैरेक्टर और एक्टिंग समझ से परे है।
फरजान के किरदार में Kush Jotwani और रुखसाना के किरदार में Vishakha Pandey ने इम्प्रेस किया है। इन दोनों को कई और रोल्स के लिए तैयार रहना होगा। सुहैल का किरदार भी अच्छा है।
Tanvi Azmi और Shishir Sharma की जुगलबंदी अच्छी लगी है। वहीं Suhasini Mulay की एक्टिंग और फेस एक्सप्रेशन बेहतरीन है। सपोर्टिंग कास्ट में भी कुछ किरदार अच्छे लगते हैं।
यंग एज ड्रामा देखने का शौक रखते हैं तो देख सकते बाकी किताब पढ़ना भी फायदे का सौदा होगा।
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