The Freelancer Series Review: कुछ अंडरकवर एजेंट्स, जिनके हाथों में साइलेंसर लगी गन हैं। स्क्रीन पर येलो शेड्स है और जगह है मिडिल ईस्ट का कोई रेगिस्तान। ये बनावट है नीरज पांडे के एंजेट्स यूनिवर्स की। ये ब्यौरा इसलिए क्योंकि हाल ही में नीरज पांडे की नई सीरीज The Freelancer का दूसरा टुकड़ा हॉटस्टार पर रिलीज किया गया। इससे पहले सिंतबर में सीरीज का पहला भाग रिलीज किया जा चुका है। सीरीज के क्रिएटर नीरज पांडे है। इसे भव धूलिया ने डायरेक्ट किया है। कहानी Shirish Thorat की किताब A Ticket To Syria पर बेस्ड है।
ये रहा कहानी का पूरा हाल
सीरीज के केन्द्र बिंदु मोहित रैना यानी अविनाश कामथ हैं। जो पहले पुलिस ऑफिसर थे और अब मर्सनरी है। मर्सनरी यानि ऐसा एंजेट जो पैसे लेकर दूसरों के लिए काम करता है। पीछे कुछ ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं जिससे परिवार अस्त व्यस्त हो चुका है।
अविनाश सब कुछ भुलाकर नई शुरूआत की कोशिश कर ही रहा होता है तभी मुंबई से खबर आती है कि उसका खास दोस्त इनायत संदिग्ध हालत में मर चुका है। वहीं इनायत की बेटी आलिया जिसकी अभी शादी हुई है वह गायब है। एपिसोड गुजरते हैं पता चलता है कि आलिया सीरिया में ISIS के चंगुल में फंस चुकी है। अब अविनाश पर दारोमदार है उसे निकाल कर लाने का।
क्या ये वाकई नीरज पांडे ही हैं
The Freelancer एक दम नीरज पांडे टाइप मूवी है। नीरज पांडे ने जो सिलसिला Baby से शुरू किया वह यहां भी जारी है। सीरीज को कोई जल्दबाजी नहीं है. आराम से चलती है, अपना टाइम लेकर। पहले कुछ एपिसोड दर्शकों की परीक्षा हैं। बिल्ड के बाद कहानी गति पकड़ती है लेकिन इतने में पहला वॉल्यूम खत्म हो जाता है। दूसरे वॉल्यूम के तीन में से एक एपिसोड फिर बिल्ड में खर्च हो जाता है। अब बचते हैं दो एपिसोड, जिन्हें क्रिटिक्स की तरह मैं भी ग्रिपिंग कहे देता हूं।
सीरीज से नया तो कुछ नहीं मिलेगा। इसमें वही सब कुछ है जो स्पाई थ्रिलर्स में हम देखते आ रहे हैं। कुछ सीन्स तो खुद नीरज पांडे ने अपनी पुरानी फिल्मों से चुराए हैं। कमजोर और कम सब प्लॉट्स भी कमजोरी हैं। पास्ट में दिखाने के लिए भी बहुत कुछ नहीं। परिवार का राज भी ज्यादा देर तक राज नहीं रहा।
बाकी ISIS वाला पक्ष मजबूत है। उस मोर्चे पर हर तरीके की डिटेलिंग का हिसाब-किताब रखा गया है। लेकिन बचाव वाले पक्ष में कमजोरी खुलकर सामने आती है। जहां कहानी बिना ट्विस्ट और टर्न के सरपट दौड़ती है।
मोहित रैना ने मोहित कर दिया
एक्टिंग का पलड़ा भारी है। मोहित रैना ने सीरीज में बढ़िया एक्टिंग की है। मेकर्स ने उनका किरदार सही रखा भी है और उनका यूज भी बढ़िया किया है। सपोर्टिंग लीड में कश्मीरा परदेशी के पास बढ़िया मौका था। लेकिन कहीं ना कहीं लगता है उनकी तरफ से थोड़ी सी कमी रह गयी।
फरहत खाला बनी बालाजी गौरी ने एक और किरदार के साथ दिल जीता है। उनका अपीरेयंस डर पैदा करता है। साथ ही लेडी स्लीपर सेल का आइडिया भी नया है। मोहसिन बने नवनीत मलिक ने अच्छा काम किया है उनका कैरेक्टर थोड़ा और डीप होता तो मजा आता। अनुपम खेर और सुशांत सिंह ने भी ठीक काम किया है। The Freelancer अच्छी सीरीज बन सकती थी अगर एक बार में एकाध एपिसोड कम करके इसे दिखाया जाता। थोड़े से नयेपन के लालच में नीरज पांडे का यह शो देख सकते हैं।